- भैंसाली बस स्टेशन को हटाकर परतापुर और मोदीपुरम में दो ने बस स्टेशन बनाने को कैबिनेट की मिली मंजूरी
- नए बस स्टेशन बनने की प्रक्रिया शुरू होने में लग जाएंगे करीब दो साल
- इसके बाद ही शिफ्ट हो सकेगा भैंसाली बस स्टेशन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में मेरठ महानगर के बीचो-बीच स्थित भैंसाली बस स्टेशन के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला लेने के बाद शहर में दिन भर लगने वाले जाम से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि इसके लिए परतापुर के निकट भूड़बराल और मोदीपुरम क्षेत्र में दो नए बस स्टेशन बनने का इंतजार करना पड़ेगा। अगर यह प्रक्रिया तत्काल भी शुरू हो जाए तो भी महानगर के बीचो-बीच स्थित भैंसाली बस स्टेशन को हटाने की प्रक्रिया दो वर्ष बाद शुरू हो पाएगी।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित भैंसाली बस स्टेशन बेगमपुल से दिल्ली रोड जाने वाले मार्ग पर स्थित है। जहां से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में विभिन्न डिपो की बसें होकर गुजरती हैं। रैपिड और मेट्रो ट्रेन के निर्माण को लेकर बेगमपुल से दिल्ली रोड तक जगह-जगह मार्ग बेहद संकरा हो चला है। जिस कारण इस रोड पर दिन-रात जाम के हालात बने रहते हैं। इन परिस्थितियों के बीच शहर के बीच से होकर विभिन्न डिपो की लगभग 1400 बसें प्रतिदिन गुजरती हैं। जो दिल्ली नोएडा गाजियाबाद मोदीनगर मुजफ्फरनगर सहारनपुर और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में आवागमन करती हैं।
महानगर को जाम की स्थिति से निजात दिलाने के लिए काफी लंबे समय से जद्दोजहद चली आ रही है। इसी क्रम में प्रशासन की ओर से भैंसाली बस स्टेशन को महानगर के बीच से हटाने की कवायद हुई, और शासन स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया। इस बीच रैपिड और मेट्रो के निर्माण की प्रक्रिया मेरठ क्षेत्र में शुरू हुई, तो भैंसाली बस स्टेशन की भूमि आरआरटीएस को देकर उनसे परतापुर तथा मोदीपुरम में बस स्टेशन बनवाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया गया। मेरठ जिला प्रशासन की ओर से शासन स्तर पर भेजे गए इस आशय के प्रस्ताव को कैबिनेट ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।
जिसके अनुसार एक भैंसाली स्टेशन के स्थान पर आरआरटीएस परतापुर के भूड़बराल और मोदीपुरम के पल्हैड़ा क्षेत्र में दो बस स्टेशन बनाकर देने के लिए सहमत हो गया है। आगामी वर्षों की योजना के अनुसार भूड़बराल और मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशनों के पास दो नए बस स्टेशन बनाने का काम आरआरटीएस की परियोजनाओं को क्रियान्वित करने वाली एनसीआरटीएस के जरिये किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यही होगा कि भैंसाली बस स्टेशन स्थानांतरित होने से महानगर को जाम से मुक्ति मिलेगी।
वहीं, बसों के परिचालन को आरआरटीएस के संचालन से जोड़कर यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। परतापुर क्षेत्र के भूड़बराल और मोदीपुरम क्षेत्र के पल्हैड़ा में बस स्टेशनों के साथ-साथ दोनों स्थानों पर डिपो की वर्कशॉप का निर्माण भी आरटीएस के माध्यम से कराया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की रीजनल वर्कशॉप पहले ही पल्हैड़ा क्षेत्र से संचालित की जा रही है।
भैंसाली बस स्टेशन को महानगर के बीच से हटकर इसके स्थान पर परतापुर और मोदीपुरम क्षेत्र में दो नए बस स्टेशन बनाए जाने के संबंध में स्थानीय प्रशासन की ओर से प्रस्ताव पूर्व में शासन को भेजा गया था। जिसे कैबिनेट की बैठक में सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है।
इसका अर्थ यह है कि अब इस काम में किसी प्रकार की कोई अड़चन नहीं आएगी। महानगर के बीच से भैंसाली बस स्टेशन को शिफ्ट करके परतापुर और मोदीपुरम क्षेत्र में ले जाने का कार्य अब शत-प्रतिशत होना है। इस काम में हालांकि अभी दो वर्ष या अधिक समय लग सकता है। -केके शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, मेरठ परिक्षेत्र
आंख के अंधे, नाम नयन सुख
वाह! यह मंजर दिल्ली रोड स्थित भैंसाली बस स्टेशन का है। यहां आने-जाने वाली बसों को सड़क पर निकालकर काफी देर तक आड़ी-तिरछी स्थिति में रखा जाता है। जिसके कारण बेगमपुल से लेकर सदर तहसील तक हर समय जाम के हालात बने रहते हैं। ये तो वहीं बात हो गई कि आंख के अंधे, नाम नयन सुख। जबकि कहने को यहां ट्रैफिक पुलिस की पिकेट भी मौजूद है, लेकिन लोगों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस का काम केवल दोपहिया वाहनों को रोककर उनसे अवैध वसूली करना भर रह गया है।
ऐसे में बसों को निकालने, जाम की स्थिति को सुधारने के लिए पुलिस स्टाफ को दूर, निगम के अधिकारी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। भैंसाली बस स्टैंड पर ही क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय, एआरएम मेरठ और एआरएम भैंसाली कार्यालय समेत मेरठ रीजन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय मौजूद हैं। इसके बावजूद भैंसाली बस अड्डे की चरमराई व्यवस्था और यहां लगने वाले जाम को लेकर पुलिस और अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी हैं।