- यातायात बूथ को चारों तरफ से रखते हैं बंद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चेकिंग के नाम पर यातायात पुलिस ने खेल कर रखा है। इतना ही नहीं, सबसे पहले बाहर के नंबर की गाड़ियों को रोकते हैं। चाहे उसके अन्दर फैमिली बैठी हो या कोई अपने मरीज को लेकर जा रहा हो। शनिवार को अधिकारियों के आदेश पर यातायात पुलिस ने बेगमपुल, बच्चा पार्क व अन्य कई स्थानों पर ई-रिक्शा व टेम्पो का चेकिंग अभियान चलाया। जिन ई-रिक्शाओं के रजिस्टेशन नहीं थे, उन्हें पकड़कर पुलिस लाइन में खड़ा करा दिया गया। बेगमपुल चौराहे पर चारों तरफ से बंद बूथ के अंदर पुलिसकर्मी ई-रिक्शा चालकों से सेटिंग करते देखे गए।
जिनमें फोटो खिंचते देखकर अफरा-तफरी मच गई। पुलिसकर्मी बूथ से निकलकर भागने लगे और अन्दर बैठे ई-रिक्शा चालकों को भी इधर-उधर दुबक गए। जनवाणी टीम दोपहर बाद जब चेकिंग अभियान की हकीकत जानने के लिए मौके पर पहुंची तो बाहर से आने वाले वाहन चालकों के साथ सेटिंग के कई मामले कैमरे में कैद हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस कर्मी यातायात को नियंत्रित करने की बजाय एक बूथ के भीतर बैठे थे। पूरा दिन अंदर बैठकर चले जाते हैं। ऐसे ही ट्रैफिक कंट्रोल करने की दुहाई दी जाती हैं।
दरअसल, दो दिन ट्रैफिक पुलिस की वसूली बंद हो गई है तो जाम खुलवाने के लिए ये लोग सड़क पर नहीं आते हैं। रोडवेज पर बने बूथ में ट्रैफिक पुलिस कर्मी बैठे थे, जिसे कैमरे में कैद कर लिया। जहां तपती धूप को देखते हुए हर कोई छाए की बात करते हैं, वहीं प्राय देखा गया है कि यातायात पुलिसकर्मी ट्रैफिक बूथ को चारों तरफ से बन्द करके अन्दर सेटिंग करते हैं। जिसकी शिकायत कई बार आलाधिकारियों से भी हो चुकी है। उसके बाद भी यातायात पुलिसकर्मी कवर हुए बूथ को खाली नहीं करते हैं। उन्होंने अधिकारियों के आदेश भी ताक पर रखे हुए हैं।
यूं कहना ज्यादा उचित होगा कि उनके लिए किसी अधिकारी के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते हैं। इतना ही नहीं कुछ चौराहे तो इन्होंने आम कर दिए हैं, जिनको बन्द करके चेकिंग की जाती हैं जिसके अन्दर जलीकोठी, गांधी बाग, चिराग स्कूल ऐसे ही कुछ चौराहे पर दिन निकलते ही चेकिंग अभियान शुरू हो जाता है, लेकिन रात के समय जीरो माइल चौराहे पर ट्रैफिक का जाम इन लोगों को नहीं दिखाई देता है, यह लोग वही ड्यूटी करते हैं, जहां पर इन्हें पैसे मिलते हैं।