- दर्जनभर घरों में पहुंचा पानी, हजारों का नुकसान
- डीएम की फटकार के बाद जागी नप, कराई नालों की सफाई
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: मानसून की दूसरी बारिश ने नगर पालिका प्रशासन से जुडे सफाई ठेकेदार की मनमानी की पोल खोल कर रख दी है। प्रतिवर्ष शासन से नगर पालिका में नालों की सफाई एवं तली झाड़ के लिए लाखों रुपये की धनराशि मिलती है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी एवं ठेकेदार की मनमानी से कागजों में ही नालों की सफाई होने की व्यवस्था परिपूर्ण हो जाती हैं।
धरातल पर सफाई कार्य के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। मंगलवार को सुबह से शुरू हुई मानसून की दूसरी बारिश ने पूरा नगर जलमग्न कर दिया तो वही लोगों के घरों से लेकर दुकानों का प्रांगण पूरी तरह से जलमग्न हो जाने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मकान स्वामियों ने घरों एवं दुकानों में भरा पानी की वीडियो वायरल कर डीएम दीपक मीणा से शिकायत की।
नगर पालिका प्रशासन की पोल खुलती देख डीएम ने नगर पालिका ईओ सुनील कुमार को फोन पर लेकर जानकारी लेकर समाधान के निर्देश दिये। बारिश से नगर क्षेत्र में स्थित कई लोगों के घरों मे तेज बारिश से नाले ओवर फ्लो होने के बाद बारिश का पानी रसोई से लेकर दुकानों तक पहुंचने से जलभराव की समस्या पनप गयी। घरों में पहुंचे बारिश के पानी से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिलने पर डीएम दीपक मीणा को फोन अवगत कराया। दुकानदारों ने खुद ही दुकान में भरे पानी को बाल्टियों का सहारा लेकर पानी को बाहर निकाला तो वही दुकान के बाहर बने नाली की भी खुद सफाई की। घरों में दो-दो फीट तक पानी पहुंचने से आंगन एवं रसोई में रखा सामान जलमग्न होने के बाद हजारों का नुकसान हो गया है।
आरोप है कि नगर पालिका को सरकार से मिलने वाली धनराशि से नालों की सफाई में लाखों रुपये खर्च होने का दावा करते हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी वादे साकार होते नहीं दिख रहा है। मानसून की शुरुआती बारिश से घरों में पहुंचे बारिश के पानी से सभी व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। सफाई ठेकेदार एवं नगरपालिका प्रशासन की लापरवाही से नगर क्षेत्र में स्थित नालों एवं तली झाड सफाई कागजों में ही सिमट कर रह गई है।
बारिश से पहले नालों की सफाई नहीं होने से नगर क्षेत्र में स्थित फलावदा तिराहा, बस स्टैंड चोकी, पीली कोठी, पक्का तालाब समेत मोहल्ला कल्याण सिंह, तिहाई, हीरालाल, मुन्नालाल आदि वार्डो में निवास करने वाले वाशिदो के घरों में बारिश का पानी पहुंचने पर मकान में स्थित कमरे तालाब में तब्दील हो गये तो वही दुकान के अंदर भी बरसात का पानी भरने से सारा सामान जलमग्न की चपेट में आ गये।
इससे यही प्रतीत होता है कि नगर पालिका ईओ सुनील कुमार सरकार से मिलने वाली सफाई व्यवस्था के लिए भले ही प्रयोग मे लेते हो, लेकिन बरसात से पहले होने वाली नालों की तली झाड़ सफाई ठेकेदार की लापरवाही का नमूना बताया जा रहा है।
डीएम की फटकार के बाद हुई नालों की सफाई
मंगलवार को सुबह से शुरू हुई आधा घंटे की तेज बारिश ने नगर के मोहल्लो व बजारो से लेकर लोगों के घरों एवं दुकानों में जलभराव की स्थिति पनपी नजर आई। घर एवं दुकानों के अलावा सड़कों पर दो-तीन फीट पानी चलते देख नगर तालाब में तब्दील हो गया।
लोगों का कहना है कि बरसात से पहले नगर क्षेत्र में नगरपालिका प्रशासन को नालों की सफाई कराने की जरूरत है, लेकिन नगर क्षेत्र में स्थित नालों की सफाई कराने के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चलने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों ने जब इसकी शिकायत वीडियो एवं फोन पर डीएम दीपक मीणा से की तो डीएम दीपक मीणा ने नगरपालिका ईओ सुनील कुमार को लताड़ लगाते हुए जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने के आदेश दिए। ईओ सुनील कुमार ने सफाईकर्मियो को लेकर सडक पर उतरे और नगर के नालों की सफाई कराने मे जुट गए।
30 लाख रुपये में छोड़ा गया था नालों की सफाई का ठेका
नगर पालिका ईओ सुनील कुमार ने बताया कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा ठेकेदार को 30 लाख रुपये की लागत से नगर क्षेत्र में स्थित नालों की सफाई कराने का ठेका छोड़ा गया था, लेकिन ठेकेदार द्वारा समय से नालों की सफाई कराने में देरी कर दी। नालों की सफाई कराने के लिए सफाईकर्मियो को लगाया गया है।
इन्होने कहा….
नगरपालिका ईओ सुनील कुमार ने बताया कि भैंसा रोड पर स्थित तालाब की पैमाइश के साथ सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद कराई जा रही है। स्वयं नगर के मोहल्ला में हुए बरसात के बाद जलभराव को जमीनी स्तर पर देखा और समझते हुए समाधान भी करारा गया है। कुछ मकान एवं दुकान निचले स्तर पर है। जिनमें पानी भर गया था, लेकिन तालाब एवं नालों की सफाई कराने के बाद समस्याओं का निस्तारण कर दिया गया है।