जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, राजनैतिक पेंशन तथा नागरिक सुरक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को विगत 6 माह में विभागों द्वारा किये गये कार्यों एवं उपलब्धियों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर उन्होंने गोआश्रय पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारम्भ भी किया।
पशुधन मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा गो-संरक्षण की योजना के प्रारम्भ से निराश्रित गोवंश संरक्षण की दैनिक प्रगति के लिए एमआईएस विकसित कराया गया था, जिसमें रियल-टाईम सूचना एवं अन्य कठिनाइयों के दृष्टिगत गो-आश्रय पोर्टल का विकास कराया गया है एवं इसके प्रयोग को सुगम बनाने हेतु एंड्राइड मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश स्तर पर अद्यतन प्रगति की उपलब्धता से प्रभावी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन का कार्य किया जा सकेगा।
पशुधन विभाग के 6 माह के उपलब्धि के संबंध में उन्होंने बताया कि एक लाख निराश्रित गोवंश के संरक्षण के सापेक्ष 78695 गोवंश को संरक्षित किया जा चुका है परन्तु प्रदेश में वर्तमान में प्रदेश में लम्पी रोग के फैलाव के दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के संरक्षण के कार्य को स्थगित किया है ताकि किसी रोग ग्रस्त गोवंश से गोआश्रय स्थल के गोवंश प्रभावित न हो जाएं। 40 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित कर ली गयी है। गोवंश सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है इस हेतु 6384 विभिन्न गोआश्रय स्थलों में लगभग 9 लाख गोवंश को संरक्षित करने के साथ-साथ 1.47 लाख गोवंश को सुपुर्दगी में प्रतिमाह भरण-पोषण धनराशि 900 प्रति गोवंश प्रति माह के साथ दिया गया।
धर्मपाल सिंह ने बताया कि आइसक्रीम प्लांट के संचालन के तहत बरेली डेयरी प्लांट को पूर्ण कराते हुए 3 जून से आइसक्रीम का उत्पादन आरम्भ कराया गया। अयोध्या डेयरी प्लांट की स्थापना के तहत अयोध्या जनपद में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट का कार्य कार्यदायी संस्था से पूर्ण कराया गया तथा दुग्ध प्रसंस्करण का कार्य नये प्लांट में अगस्त 2022 के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ किया जा चुका है।
मदरसा शिक्षा के अन्तर्गत मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के दृष्टिगत ई-लर्निंग ऐप विकसित किया गया है। इससे मदरसों के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध हुआ है। इसके साथ-साथ मदरसों के मेघावी छात्र-छात्राओं को टैबलेट व पुरस्कार राशि देकर सम्मानित भी किया गया है। सभी महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथाओं को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल कराते हुए इसे और अधिक प्रेरणादायक बनाये जाने की कार्यवाही कर ली गई है।