- जर्जर बिल्डिंग में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं छात्राएं
- सात वर्ष का बीता समय, शिक्षा विभाग बिल्डिंग बनाकर भूला
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: सरकार जो पैसा शासकीय कार्यों में, निर्माण में खर्च करती है वो पैसा दरअसल जनता का होता है। अब अगर उस पैसे का दुरुपयोग हो और उसके खंडहर हमें सालों से मुंह चिढ़ाएं तो क्रोध और बढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ नजारा है महाभारत कालीन तीर्थ नगरी स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज का है। जहां सालों पूर्व ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली बालिकों के लिए बनाये गये छात्रावास को बनाकर अधिकारी शायद भूल गये।
क्षेत्र की जनता में क्रोध पनप रहा है। सरकार शिक्षा को लेकर करोड़ों रुपये का बजट तैयार करती है। पूरा फोकस इस बात पर है कि शिक्षण संस्थानों को आधुनिक और रोचक बनाया जाए, ताकि बच्चे शासकीय स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रेरित हो और संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जा सके।
इन सबके बीच कुछ ऐसे नजारे सामने आते हैं कि आप देख और सुनकर ही भौचक्के रह जाएंगे। कभी टूटी और जर्जर बिल्डिंग में पढ़ते बच्चे दिखेंगे तो कभी बच्चों की बहुतायत होने के बाद विद्यालयों में स्टाफ नहीं मिलेगा।
यानी आप कह सकते हैं कि शिक्षा विभाग में कुछ ऐसा चल रहा है। मानो चने हैं और दांत नहीं और दांत हैं तो चने नहीं। ताजा और रोचक मामला महाभारत कालीन तीर्थ नगरी का है।
तकरीबन सात वर्ष पहले 2015 में राजकीय बालिका इंटर कालेज के परिसर में एक भव्य बिल्डिंग तैयार की गई थी। बताया गया था कि राजकीय बालिका इंटर कालेज में देहात से आने वाले बच्चों की शिक्षा को सुगम बनाने के लिए छात्रावास का निर्माण किया गया।
इसके बाद सात वर्ष का समय बीत चुका है और अब लगता है कि शिक्षा विभाग यह बिल्डिंग बनाकर ही भूल गया है। अब तक स्कूल में कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई हैं और यह बिल्डिंग भी अब पुरानी हो चली है।
स्कूल को नहीं सौंपी दो मंजिला इमारत
स्थानीय रहवासी बताते हैं कि कस्बे में स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज में पढ़ने के लिए अंधिकाश हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र की बालिकाएं आती है। विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली ज्यादातर छात्राएं गरीब हैं, जो निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए नहीं जा सकते हैं।
मजे की बात यह है कि स्कूल स्टाफ अपने स्कूल के खस्ताहाल बिल्डिंग के चलते कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस छात्रावास की याद दिला चुका है, लेकिन आज तक विद्यालय परिसर में बना दो मंजिला इमारत स्कूल को नहीं सौंपी गई।
एसडीएम से की मांग
मंगलवार को नगर पंचायत द्वारा कस्बे में स्थित नेहरू पार्क में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या डा. पारुल वर्मा से स्कूल में बालिकाओं की शिक्षा और जर्जर हाल भवन में शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं के लिए छात्रावास स्कूल को सौंपेने की मांग की।
पारुल वर्मा ने एसडीएम मवाना अखिलेश यादव को बताया कि कॉलेज में पिछले सात वर्षों से छात्रावास की बिल्डिंग तैयार है। जो आज तक कॉलेज के हैंड ओवर नहीं की गई। यदि बिल्डिंग हैंड ओवर हो जाये तो छात्राओं को और बेहतर शिक्षा दी जा सकती है।
बालिकाओं की शिक्षा में कोई भी बाधा नहीं आनी चाहिए। अगर कॉलेज प्रबंधन को बिल्डिंग की आवश्यकता है तो विभागीय अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द बिल्डिंग को कॉलेज को हस्तांतरित कराया जाएगा। -अखिलेश यादव, एसडीएम, मवाना