Saturday, August 23, 2025
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Uttarakhand News: 18,000 से ज्यादा आपदाएं, 67 बार फटा बादल, सबसे अधिक घटनाएं पौड़ी में दर्ज

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बीते नौ वर्षों में राज्य को प्राकृतिक आपदाओं की एक लंबी श्रृंखला ने झकझोर कर रख दिया है। अतिवृष्टि, त्वरित बाढ़, बादल फटना, भूस्खलन, भूकंप, और अन्य घटनाओं ने न केवल सैकड़ों लोगों की जान ली है, बल्कि आवास, कृषि और अवसंरचना को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है। आपदा प्रबंधन विभाग राज्य में सड़क दुर्घटना, आग, भूस्खलन, भूकंप, बाढ़, कीट आक्रमण, हिमस्खलन, अतिवृष्टि-त्वरित बाढ़, व्रजपात, ओलावृष्टि, आंधी तूफान, डूबना, बहजाना, जंगली पशुओं का हमला, बादल फटना, वनाग्नि, बीमारी फैलना, विद्युत करंट, वनाग्नि की घटनाओं का विवरण तैयार करता है।

इन घटनाओं में मृत्यु, घायल, लापता होने की सूचना एकत्र की जाती है। इसके अलावा मकानों के आंशिक और पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने का रिकार्ड रखा जाता है। आपदा प्रबंधन विभाग के वर्ष 2015 से 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि हर साल हजारों आपदा आ रही हैं।

इसमें सबसे अधिक अतिवृष्टि-त्वरित बाढ़ के हैं, जिसकी 12758 घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा भूस्खलन भी चुनौती बना हुआ है। चार हजार से अधिक भूस्खलन की घटनाएं विभिन्न जिलों में हुई। बादल भी 67 बार फट चुके हैं। सबसे अधिक बादल फटने की घटना पौड़ी जिले में हुई हैं।
राज्य में घटनाएं

भूस्खलन-4654

बादल फटना-67

हिमस्खलन-92

आंधी तूफान-634

व्रजपात-259

अतिवृष्टि-बाढ़-12758

उत्तरकाशी में 1525 घटनाएं हुई

उत्तरकाशी में नौ साल में भूस्खलन, बाढ़, अतिवृष्टि-त्वरित बाढ़, हिमस्खलन, व्रजपात, ओलावृष्टि, बादल फटना, जंगल की आग समेत आदि की 1525 घटनाएं हुई हैं। इस अवधि में केवल एक बार जिले में बादल फटने की घटना रिपोर्ट हुई है।

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