- योजना के अंतर्गत अभी तक दो मेगावाट बिजली का उत्पादन भी शुरू करके ग्रिड से जोड़ा जा चुका
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी सोलर रूफटॉप स्कीम के अंतर्गत करीब एक लाख घरेलू उपभोक्ताओं ने रुचि लेते हुए पंजीकरण कराया है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक दो मेगावाट बिजली का उत्पादन भी शुरू करके ग्रिड से जोड़ा जा चुका है। यूपीनेडा के प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा के अनुसार पश्चिमांचल में अभी तक करीब एक लाख उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में दो मेगावाट बिजली का उत्पादन रूफटॉप योजना के माध्यम से किया जाने लगा है।
इसके लिए प्रत्येक उपभोक्ता को दो किलोवाट तक के प्लांट को लगवाने पर केन्द्र की ओर से 60 हजार और राज्य सरकार की ओर से 30 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। करीब दो मेगावाट के सोलर प्लांट लग जाने से अभी तक करीब दो करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ उपभोक्ताओं को मिल चुका है। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 31 अगस्त से शुरू किए गए योजना के दूसरे चरण के अंतर्गत पहले एक वर्ष में प्रदेश भर के एक लाख उपभोक्ताओं को इस योजना का लक्ष्य है, जबकि आगामी पांच वर्ष में यह लक्ष्य 15 लाख घरों का रखा गया है।
प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि यह योजना केंद्र सरकार के जरिये देश में अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत घरेलू प्रयोग के छतों पर सोलर पैनल लगाने की सुविधा मुहैया कराई जाती है। उपभोक्ताओं को छतों प्रदान करने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत कोई भी नागरिक अपनी छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं। पैनल लगाने के लिए 10 वर्ग मीटर स्थान में एक किलोवाट का प्लांट लगाया जा सकता है।
पैनल का लाभ 25 सालों तक उठाया जाएगा। सोलर पैनल की लागत लगभग 5-6 सालों में पूरी हो जाती है। जिसके बाद लोग 19 से 20 साल तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम दो किलोवाट या इससे अधिक के प्लांट पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी फिक्स की गई है। जबकि केन्द्र सरकार की ओर से 78 हजार रुपये की सब्सिडी देय होगी।
निजी नलकूप पर मिलेगी 90 प्रतिशत सब्सिडी
मेरठ जनपद में बीते वित्तीय वर्ष के दौरान 32 किसानों ने अपने निजी नलकूपों पर सोलर पैनल प्लांट लगवाने के लिए 10 प्रतिशत अंश राशि जमा करा दी है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक करीब 20 प्लांट नलकूपों पर लगाए जा चुके हैं। जिनमें से 12 को ग्रिड से जोड़ा जा चुका है। यूपीनेडा के प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि अगर कोई किसान साढ़े सात किलोवाट का प्लांट लगवाना चाहता है,
तो इसकी कुल लागत 6.5 लाख रुपये है, लेकिन किसान को केवल 10 प्रतिशत राशि ही देनी होगी। शेष 90 प्रतिशत राशि केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से अनुदान के रूप में मिलेगी। उन्होंने बताया कि यूपीनेडा में अभी करीब 600 वेंडर पंजीकृत हैं। कुछ दिन पूर्व क्लास वन वेंडरों को नेडा से जोड़ने के लिए बैठक का आयोजन भी किया गया है। जिसमें शामिल हुए नए वेंडरों ने रुचि भी दिखाई है।