- वर्ष-2023-24 के लिए एक करोड़ का लक्ष्य, अब तक 44 लाख की हुई वसूली
- किराया लिपिक से जानकारी की तो मामले की हकीकत सामने आई
- गत वर्ष भी हुई थी 54 लाख रुपये की वसूली, इस बार एक करोड़ वसूल रखा गया लक्ष्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम की करीब 500 बीघा से अधिक भूमि रिकार्ड में दर्ज है, जिसमें कुछ भूमि पर विवाद चल रहा है तो कुछ भूमि पर मार्किट में दुकाने बनी हुई हैं। साथ ही कुछ भूमि वर्तमान में खाली पड़ी हैं। इसी में निगम की इस भूमि से कितना रेवेन्यू प्रतिवर्ष निगम को प्राप्त होता है। उसके लिए जो जनसूचना मांगी गई उसमें अजब-गजब सूचना दी गई। उसमें करीब 500 बीघा भूमि से रेवेन्यू शून्य प्राप्त होना दर्शाया गया है। जबकि किराया लिपिक से कार्यालय में संपर्क साधा गया तो उसने बताया कि गत वर्ष करीब 54 लाख रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ था।
नगर निगम से सूचना का अधिकार के अंतर्गत एवं मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करके जो सूचना मांगी गई, उसकी जनसूचना अजब-गजब दी गई। शिकायत दर्ज कराते हुए नगर निगम की करीब 508 बीघा भूमि से कितना रेवेन्यू प्रतिवर्ष प्राप्त होता है, उसकी जानकारी मांगी गई। जिसमें नगर निगम द्वारा विशेषकर राजस्व खसरा संख्या 4585, 4566 एवं 4567 सार्वजनिक रोड सड़क पटरी की भूमि पर अनाधिकृत कब्जे के सम्बन्ध शिकायत की गई थी। जिसमें वर्ष-2021-22, वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 की जानकारी मांगी गई।
जिसमें रेवेन्यू शून्य दर्शाया गया। विशेष नजूल भूमि की बिक्री से आय, भवनों की बिक्री, शैक्षिक संस्थाओं तथा अन्य श्रोतों से भूमि का किराया, विशेष नजूल भूमि का किराया, गृहों, भवनों, सरायों (विश्रामगृहों) तथा डाक बंगलों आदि से किराया, अस्थायी रूप से किराये पर उठाया जाता है। जिसमें दी गई जनसूचना में रेवेन्यू शून्य दर्शाया गया। जबकि घंटाघर के निकट मार्किट, हापुड़ चौराहा के निकट भगत सिंह मार्केट एवं अन्य जगहों पर नगर निगम द्वारा किराया वसूला जाता है। यहां तक कि निगम की भूमि पर सड़क के किनारे अवैध दुकाने बनी हैं, उनसे भी किराया वसूला जाता है। जबकि जनसूचना में करीब 500 बीघा से अधिक भूमि से प्राप्त होने वाले रेवेन्यू को शून्य दर्शाया गया।
जबकि निगम के कार्यालय में किराया लिपिक हरवीर सिंह से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 973 दुकानें निगम के रिकार्ड में दर्ज हैं। जिसमें पूर्व में इन दुकानों से रेवेन्यू कम प्राप्त होता था, लेकिन गत वर्ष करीब 54 लाख रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ था। इस बार जो लक्ष्य रखा गया है, वह करीब एक करोड़ का रखा गया है। अब तक करीब 44 लाख रुपये का रेवेन्यू इन दुकानों से प्राप्त हो चुका है, शेष की वसूली के लिए अभियान जारी है, करीब एक करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा।