नील नितिन मुकेश ने राजेश खन्ना अनिल कपूर, ऋषि कपूर, अनुपम खेर, हेमा मालिनी, मीनाक्षी शेषाद्रि जैसे स्टार्स की फिल्म ‘विजय’ (1988) में बतौर एक चाइल्ड आर्टिस्ट शुरुआत की थी। ‘विजय’ (1988) के अलावा गोविंदा और किमी काटकर स्टॉरर फिल्म ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ (1989) में भी वे चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आए थे। नील ने ‘मुझसे दोस्ती करोगी’ (2002) में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करने के बाद 2007 में श्रीराम राघवन की फिल्म ‘जॉनी गद्दार’ से बतौर लीड एक्टर बॉलीवुड डेब्यू किया। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट मेल डेब्यू केटेगरी के लिए फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेशन मिला लेकिन उनकी यह फिल्म सुपर फ्लॉप रही।
नील नितिन मुकेश को पहली और आखिरी कामयाबी कबीर खान की ड्रामा थ्रिलर ‘न्यूयॉर्क’ (2009) से मिली। जिसमें उन्होंने जॉन अब्राहम, कैटरीना कैफ और इरफान खान के साथ एक किरदार निभाया था। फिल्म में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन मिला। इसके बाद नील नितिन मुकेश साइंस-फिक्शन थ्रिलर ‘आ देखें जरा’ (2009), दीपिका पादुकोण के साथ प्रदीप सरकार की एक्शन ड्रामा फिल्म ‘लफंगे परिंदे’ (2010), सुधीर मिश्रा की ड्रामा थ्रिलर ‘तेरा क्या होगा जॉनी’ (2010), विशाल भारद्वाज की ब्लैक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म ‘7 खून माफ’ (2011) अब्बास-मस्तान की ‘प्लेयर्स’ (2012) बिजॉय नांबियार की एक्शन-ड्रामा ‘डेविड’ (2013) में नजर आए लेकिन इनमें से कोई भी सफल नहीं रही। हाल ही में 24 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म ‘हिसाब बराबर’ से नील ने एक बार फिर फिल्मों में वापसी की। आर माधवन और कीर्ति कुल्हारी के लीड रोल वाली इस फिल्म में नील ने मिक्की मेहता का किरदार निभाया। लेकिन एक लंबे वक्त बाद उनकी यह वापसी एकदम निरर्थक साबित हुई।