- ग्रीन बेल्ट में निर्माणों की वास्तविक स्थिति की जांच पड़ताल करेगी एनजीटी की टीम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तीन दिन एमडीए इंजीनियरों के लिए मुश्किले भरे होंगे। क्योंकि एनजीटी की एक टीम तीन दिन मेरठ में ही डेरा लगाकर रहेगी। इसकी अधिकृत जानकारी एमडीए को मिल गई हैं। एनजीटी ग्रीन बेल्ट में निर्माणों की वास्तविक स्थिति की जांच पड़ताल करने के लिए आ रही हैं। कितने निर्माण पुराने हैं और कितने नये हैं। इनकी पूरी सूची तैयार की जाएगी। ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माणों पर कितनी कार्रवाई हुई हैं या फिर खानापूर्ति।
इन तमाम बिन्दुओं की जांच पड़ताल करने के लिए टीम पूरे दिन दिन शहर में बीताने वाली हैं। टीम के आवागमन की सूचना से ही एमडीए के इंजीनियरों में हड़कंप मचा हुआ हैं। यदि एनजीटी ने इंजीनियरों के खिलाफ लिख दिया तो मान लिजिए कि इंजीनियरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती हैं। इसी वजह से इंजीनियरों के चेहरे के भाव बदल गए हैं।
जो रौनक पहले उनके चेहरों पर दिखाई देती हैं, वह नहीं दिख रही हैं। अब हर रोज ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई भी की जा रही हैं, ताकि एनजीटी की टीम को यह जाहिर हो सके कि एमडीए की टीम ने ग्रीन बेल्ट को किसी हद तक क्लीयर करने की कोशिश की हैं। इसकी वीडियो ग्राफी भी कराई जा रही हैं।
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में होगा ध्वस्तीकरण
अब तक एमडीए इंजीनियरों की टीम पुलिस को साथ में लेकर ध्वस्तीकरण करती थी, लेकिन अब आगे से मजिस्ट्रेट की अगुवाई में ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई एमडीए करेगा। यह निर्णय एमडीए वीसी मृदुल चौधरी ने लिया हैं। इसकी बाबत कमिश्नर से भी बात की गई। गुरुवार को ध्वस्तीकरण का कार्य ग्रीन बेल्ट में चलाया जाना था, जो रोक दिया गया।
एमडीए इंजीनियरों की टीम तैयार बैठी थी। बुलडोजर भी मंगवा लिये गए थे। कुछ बुलडोजर एमडीए के थे। टीम दोपहर बाद तक मजिस्ट्रेट के आने का ही इंतजार करती रही। कहा गया कि मजिस्ट्रेट की मौजूगदी में ही अवैघ निर्माण पर बुलडोर चलाया जाएगा। यही वजह है कि गुरुवार को मजिस्ट्रेट नहीं आये और बुलडोजर भी नहीं चला।