Tuesday, July 9, 2024
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2021 पर काम नहीं, 2031 का प्लान तैयार

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  • मास्टर प्लान लागू होने के लिए शासन में गया, लग सकती है मुहर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अभी 2021 मास्टर प्लान के कार्य भी अधूरे हैं। जो प्लान 2021 में मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा बनाये गए थे, उन पर भी काम नहीं हुआ हैं। ऐसे में फिर से मेरठ विकास प्राधिकरण ने 2031 का मास्टर प्लान तैयार कर दिया तथा ये लागू होने के लिए शासन में भी चला गया हैं। देर-सबेर इस पर फाइनल मुहर भी लग जाएगी। इसमें दो राय नहीं हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि मास्टर प्लान जब बनाया जाता हैं,

तब इसको लेकर प्राधिकरण कितना गंभीर हैं। इसको लेकर पालन भी हो रहा हैं या फिर नहीं। ये भी देखा जाना चाहिए, लेकिन मेरठ विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान तैयार कर अपने ही बनाये नियमों को भूल जाता हैं, जिसके बाद सुनियोजित विकास की बजाय बेतरतीब विकास कार्य शहर में हो जाते हैं, जिसके लिए देखा जाए तो पूरी तरह से मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसर जिम्मेदार हैं?

इनर रिंग रोड: दो दशक बाद भी प्लान

इनर रिंग रोड का मास्टर प्लान 2021 में तैयार किया गया था। शहर में बढ़ते हुए ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार हुआ था कि इनर रिंग रोड बनेगा तो शहर में जाम नहीं लगेगा। बाहर से वाहन जो भी आयेगा वो इनर रिंग रोड से होकर बाहर निकल जाएगा, लेकिन ये प्लान सिर्फ प्लान ही रहा। 2021 में बना प्लान अब तक अधूरा हैं। इस प्लान पर कई बार कार्य हुआ, लेकिन सरकारी कागजों में, धरातल में नहीं।

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पीडब्लयूडी को इस प्लान पर कार्य करने के लिए दिया गया। इस पर कितना खर्च आएगा, ये तैयार कर शासन को पीडब्लयूडी ने भेजा, लेकिन वहां से इसके लिए एक फूटी कोडी नहीं दी गई, जिसके बाद फाइल वापस भेज दी गई। इस तरह से इनर रिंग रोड की फाइल फिर से मेरठ विकास प्राधिकरण को भेज दी गई। अब फिर से अधिकारी और जनप्रतिनिधि इनर रिंग रोड का मुद्दा उठाकर सड़कों पर घूम रहे हैं। अब ये प्लान फिर से 2031 के मास्टर प्लान में भी दे दिया गया हैं।

आउटर रिंग रोड: नहीं हुआ कुछ काम

2021 के मास्टर प्लान में आउटर रिंग रोड का भी प्लान किया गया था। ये शहर से बाहरी क्षेत्र में बनाया जाना था। इसको प्रत्येक हाइवे से कनेक्ट करने का प्लान मास्टर प्लान में लिया गया था, लेकिन 2021 के मास्टर प्लान पर कोई काम किसी भी विभाग ने नहीं किया। आउटर रिंग रोड जिस स्थान से प्लान किया गया था, वहां पर ज्यादातर अवैध कॉलोनियां विकसित कर दी गई है। इस तरह से आउटर रिंग रोड का प्लान 2021 में बना और फाइलों में ही बंद होकर रह गया। इस पर किसी तरह का काम हुआ ही नहीं।

हवाई पट्टी: प्लान बना, फिर भी काम नहीं

परतापुर में हवाई पट्टी का प्लान को विस्तार देने का प्लान बना था। जमीन का अधिग्रहण भी हुआ। मेरठ विकास प्राधिकरण से जमीन भी ले ली गई, लेकिन इसके बाद भी हवाई पट्टी से कोई उड़ान चालू नहीं की गई। तत्कालीन कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह दो दिन विलंब से चार्ज लेने पहुंचे थे,

तब उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा लेकर लखनऊ से आया हूं। इस वजह से उन्हें चार्ज लेने में विलंब हुआ हैं। आखिर ये हवाई अड्डा कहां हैं? कमिश्नर पद से सुरेन्द्र सिंह का तबादला हो गया, लेकिन हवाई अड्डा कहीं नजर नहीं आ रहा हैं। जब चुनाव होता है, हवाई अड्डे का जिन्न बोतल से बाहर आ जाता हैं। फिर गायब हो जाता हैं। ये लंबे समय से चल रहा हैं।

कहां बने बस स्टैंड?

बस स्टैंड शहर से बाहर शिफ्ट करने थे। ये 2021 मास्टर प्लान में दिया गया था। बागपत बाइपास पर बस स्टैंड मास्टर प्लान में छोड़ा गया था। इस पर कोई कार्य नहीं हुआ, बल्कि अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी बनती हैं? कौन जिम्मेदार हैं?

किसने बनने दी अवैध कॉलोनी? यही नहीं, न्यू ट्रांसपोर्टनगर भी बागपत रोड पर प्लान था, वहां भी अवैध कॉलोनी बन गई। इस तरह से 2021 मास्टर प्लान पर काम कहां हुआ? ये दिखाई नहीं देता हैं। जब मास्टर प्लान पर कार्य ही नहीं हुआ तो फिर से मास्टर प्लान तैयार करने पर लाखों रुपये प्राधिकरण ने खर्च कर दिये।

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