- पीडब्ल्यूडी व सेतु निगम को एक साथ आवंटित हुआ बजट
- सेतु निगम ने दो पुलों का निर्माण कार्य किया आरंभ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गंगनहर पटरी निर्माण का टेंडर तो हो चुका हैं, लेकिन अभी दिल्ली पर्यावरण मंत्रालय से पेड़ काटने के लिए पीडब्लयूडी को एनओसी नहीं मिली है। इसकी फाइल पर्यावरण मंत्रालय में लटकी हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही इसको अनुमति मिल जाएगी, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी गंगनहर पटरी पर निर्माण कार्य आरंभ करेगी।
कच्ची नहर पटरी को टू-लेन बनाया जाएगा। उधर, गंगनहर पर नौ पुलों का निर्माण किया जाना हैं, जिसमें से दो पुलों का निर्माण आरंभ कर दिया गया है। बाकायदा सरधना-दौराला गंगनहर पुल का निर्माण सेतु निगम ने चालू कर दिया है। हाल ही में इनके लिए यूपी सरकार ने बजट भी जारी कर दिया है। सेतु निगम ने बिना देर किये इनका निर्माण कार्य आरंभ कर दिया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि गंगनहर पटरी निर्माण व सेतु निगम को एक साथ धनराशि आवंटित की गई थी, लेकिन कार्य सेतु निगम ने चालू किया है। इस तरह से तो गंगनहर पटरी के कार्यों को समय लग सकता है। क्योंकि जो फाइल पीडब्ल्यूडी ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को एनओसी के लिए भेजी गई थी, वह पेडिंग पड़ी है।
उसका कोई जवाब अभी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को नहीं मिला है। लगातार विभाग के आला अधिकारी पर्यावरण मंत्रालय से संपर्क भी साधे हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी यही कहा जा रहा है कि फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है। दरसअल, हम आपको बता दे, हस्तिनापुर में पुल निर्माण करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मांगी गई थी, जिसमें दस वर्षों में जाकर एनओसी दी गई थी।
इस तरह से गंगनहर पटरी के निर्माण को लेकर पेड़ काटने की अनुमति मांगी जा रही है। हालांकि चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी संदीप कुमार का कहना है कि पेड़ को शिफ्ट करने की तकनीकी आ गई है, जिसके चलते पेड़ शिफ्ट किये जाएंगे। इसके लिए एक प्राइवेट कंपनी से बातचीत चल रही है।
कुछ पेड़ ही काटे जाएंगे। अब एनओसी के इंतजार में पीडब्लयूडी के अधिकारी है। जैसे ही पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मिलेगी, तभी इसमें निर्माण कार्य चालू हो सकेगा। यह बड़ा प्रोजेक्ट पीडब्लयूडी को प्रदेश सरकार ने दिया है। वैसे तो मेरठ जनपद में एनएचएआई के काफी प्रोजेक्ट चल रहे हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी को गंगनहर पटरी के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई। अब देखना यह है कि कितनी जल्दी इसका निर्माण कार्य आरंभ हो सकेगा।