- खंड शिक्षाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दी थी चेतावनी
जनवाणी ब्यूरो |
नजीबाबाद: शिक्षामित्रों को चार माह का मानदेय नहीं दिए जाने पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की ओर से प्रांतीय मंत्री धर्मेन्द्र तोमर ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। इस दौरान अन्य शिक्षामित्र भी समर्थन में अनशन स्थल पर मौजूद रहे।
मंगलवार की सुबह उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की ओर से प्रांतीय मंत्री धर्मेन्द्र तोमर के नेतृत्व में शिक्षा मित्र खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। वहां पूर्व में खंड शिक्षाधिकारी को दी गयी चेतावनी के बाद निष्कर्ष नहीं निकलने पर धर्मेन्द्र तोमर अनिश्चितकालीन धरने पर आमरण अनशन पर बैठ गए।
इससे पूर्व सोमवार को शिक्षामित्रों ने खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय पर क्रमिक धरना शुरू किया था। प्रांतीय मंत्री धर्मेंद्र तोमर के नेतृत्व में मानदेय से वंचित शिक्षा मित्रों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नजीबाबाद परिसर में क्रमिक अनशन शुरू करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी नजीबाबाद ईशक लाल से वार्ता की थी और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर कहा था कि वे तब तक नहीं जाएंगे जब तक उनका मानदेय उनके खातों में नहीं आएगा।
प्रांतीय मंत्री धर्मेंद्र तोमर ने कहा कि पूर्व में उन्हें 18 अक्टूबर तक मानदेय खातों में पहुंच जाने का आश्वासन दिया गया था परंतु अभी तक भुगतान नहीं किया गया। 19 अक्टूबर की शाम चार बजे तक शिक्षामित्रों के खातों में उनका मानदेय न पहुंचने पर मंगलवार से अनिश्चित कालीन आमरण अनशन की चेतावनी दी गई थी जिसके तहत आमरण अनशन शुरू कर दिया गया।
इस दौरान धरना स्थल पर संजय सिंह, सरजीत सिंह, योगेंद्र सिंह, गीता देवी, विमला, गुलिस्ता, बेबी, बुशरा परवीन, नीतू, कविता, बृजबाला आदि शिक्षामित्र मौजूद रहे। इस सम्बन्ध में खंड शिक्षाधिकारी ईशक लाल ने बताया कि पिछले माह 17 सितम्बर को जिला प्रशासन को शिक्षा मित्रों के मानदेय के सम्बन्ध में पत्र लिख दिया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे मात्र सात-आठ शिक्षामित्र ही हैं, जिनका मानदेय का भुगतान रुका हुआ है।