- कार्य में गुणवत्ता न होने पर ठेकेदार के साथ इंजीनियर पर भी होगी कार्रवाई: नगरायुक्त
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगरायुक्त सौरभ गंगवार ने रविवार को नगर निगम के सभागार में नगर निगम द्वारा योजनावार कराये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने 15वें वित्त के अन्तर्गत 72 करोड़ रुपये से कराये जा रहे 69 निर्माण कार्यों में एक भी कार्य फाइनल नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। सबसे धीमी गति से कार्य कराने वाले अवर अभियंता राजपाल को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए। नगरायुक्त ने चेतावनी दी कि किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता न मिलने पर ठेकेदार के साथ-साथ संबंधित इंजीनियर पर भी कार्रवाई की जाएगी।
नगरायुक्त समीक्षा में पाया कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के 15 कार्य 90 से 95 प्रतिशत पूर्ण दिखाये गए, पर फाइनल नहीं किये गए, इसपर उन्होंने अवर अभियन्ताओं के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कार्य 25 अक्टूबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। 15वें वित्त के अवशेष कार्यों में प्रगति कम मिलने पर सम्बन्धित अभियन्ताओं को चेतावनी दी। सबसे कम प्रगति मिलने पर अवर अभियन्ता राजपाल को नगर निगम से कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए। अवस्थापना निधि से 53.00 करोड़ रुपये की लागत से कराये जा रहे 12 कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात सामने आई कि कई साइडों पर विवाद होने के कारण कार्यों में प्रगति नहीं हो पा रही,
इस पर नगरायुक्त ने अधिशासी अभियन्ता अमित कुमार को परिर्वतन दल के साथ जाकर अतिक्रमण हटवाने व विवादों का पटाक्षेप कराकर प्रगति रिपोर्ट 25 अक्टूबर की समीक्षा बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मेरठ विकास प्राधिकरण से हस्तान्तरित कालोनियों के सापेक्ष उपलब्ध कराई गई धनराशि 4.84 करोड़ के सापेक्ष कराये जा रहे दो कार्याें जो गंगानगर वार्ड 37 से संबंधित हैं को प्रत्येक दक्षा में क्रमश: 20 व 25 अक्टूबर तक पूर्ण कराकर आगामी समीक्षा बैठक में अवगत कराने के निर्देश दिए। एसबीएम के अन्तर्गत करीब 4.71 करोड़ की लागत से निर्मित कराये जा रहे 11 एमआरएफ सेंटर के कार्यों की समीक्षा करते समय वार्ड-41 व वार्ड-48 में कार्य अधूरे पाये जाने पर अवर अभियन्ता मदनपाल को प्रत्येक दक्षा में 10 नवंबर तक कार्य पूर्ण कराने के लिए निर्देषित किया गया।
बोर्ड फंड के अन्तर्गत नगर निगम, के सभी वार्डों में कराये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कराये जा रहे निर्माण कार्यों को 25 दिसम्बर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने के लिए निर्देषित किया गया। कई वार्डों में सड़क गढ्ढा मुक्ति के करीब 3.45 करोड़ की लागत से कराये जा रहे 45 कार्यों की समीक्षा करते हुए नगरायुक्त ने सभी 45 कार्य प्रत्येक दशा में नौ अक्टूबर तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
यह भी निर्देश दिये कि गड्ढा मुक्ति का कार्य प्रत्येक दशा में सही प्रकार से मानकों के अनुरूप पाया जाये और यदि यह कार्य सही नहीं पाया गया तो सम्बन्धित ठेकेदार के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई करने के साथ-साथ ही सम्बन्धित अभियन्ता के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई। बैठक में मुख्य अभियन्ता देवेन्द्र कुमार, अधिशासी अभियन्ता अमित कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।
आउट सोर्सिंग सफाईकर्मियों का मानदेय रोका, हड़ताल की चेतावनी
महानगर की सफाई करने वाले आउट सोर्सिंग के सफाईकर्मियों का मानदेय ठेकेदार द्वारा रोक लिया गया। त्योहार से पहले मानदेय न मिलने से उक्त सफाईकर्मी परेशान हैं। रविवार को उक्त कर्मचारियों ने नगरायुक्त से मिलकर समस्या से अवगत कराया और मानदेय दिलाने की मांग की। शीघ्र मानदेय न मिलने पर उन्होंने हड़ताल करके महानगर की सफाई व्यवस्था ठप करने की चेतावनी दी। नगर निगम द्वारा 2415 आउट सोर्सिंग सफाई कर्मियों को नगर की सफाई कराने में लगाया गया है। उक्त कर्मचारी अग्रवाल एंटरप्राइजेज कं. के माध्यम से नगर निगम को मिल रहे हैं।
आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को सितंबर का मानदेय नहीं मिला। इसको लेकर कर्मचारी नेता दिनेश सूद, अंकुश महरौल, दीपक मनोठिया, मनोज सिंद्यानिया, सोनू बेनीवाल, दिनेश लौहरे, आकाश धवन, कैलाश चंदोला, अस्तानिये आदि नगरायुक्त से मिले। उन्होंने बताया कि अग्रवाल एंटरप्रराइजेज द्वारा त्योहार के मौके पर आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को सितंबर का मानदेय नहीं दिया। इसकी वजह कंपनी ने नगर निगम द्वारा अगस्त का कंपनी को भुगतान न देना है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आउट सोर्सिंग कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया।