Sunday, May 19, 2024
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अब कन्नौज से अखिलेश यादव ठोकेंगे ताल, गुरूवार को भरेंगे नामांकन पत्र, भतीजे तेज प्रताप को दिया था टिकट

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जनवाणी ब्यूरो |

कन्नौज: कन्नौज लोकसभा सीट से अब सपा मुखिया अखिलेश यादव का चुनाव लड़ना तय हो गया है। गुरुवार को वह अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। अखिलेश यादव ने दो दिन पहले भतीजे तेज प्रताप को इस सीट से टिकट दिया था। तेज प्रताप को लेकर स्थानीय नेताओं में भारी विरोध को देखते हुए अखिलेश यादव ने खुद चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। सपा ने इसका ऑफिशियल ऐलान भी कर दिया है।

बुधवार दोपहर इटावा पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से चुनाव लड़ने का संकेत भी दिया। मीडिया ने उनसे पूछा-कन्नौज से आपके चुनाव लड़ने की चर्चा है। आप लड़ेंगे या तेज प्रताप? अखिलेश ने कहा-जब नॉमिनेशन होगा तो आपको खुद पता लग जाएगा। हो सकता है नॉमिनेशन से पहले ही आपको जानकारी हो जाए। अखिलेश ने इस दौरान भतीजे तेज प्रताप का नाम तक नहीं लिया।

सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने भी मीडिया से बातचीत में अखिलेश के चुनाव लड़ने की पुष्टि की। उन्होंने कहा-कोई कंफ्यूजन नहीं है। गुरुवार को अखिलेश कन्नौज से नामांकन करेंगे। पार्टी के एक अन्य सीनियर लीडर ने भी अखिलेश से कन्नौज से चुनाव लड़ने की पुष्टि की।

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सपा ने कल 7 सेट में खरीदा था नामांकन पत्र
कन्नौज के लिए मंगलवार को सपा के 4 कार्यकर्ताओं ने 7 सेट में नामांकन पत्र खरीदा था। सूत्रों ने बताया कि इसमें अखिलेश यादव के नाम का भी पर्चा था। सामान्य तौर पर एक प्रत्याशी 4 सेट में ही नामांकन पत्र खरीदता है। ऐसे में वहां से 7 सेट खरीदने के बाद अखिलेश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी।

मंगलवार देर रात अखिलेश ने लखनऊ में कन्नौज के लोकल नेताओं की एक मीटिंग बुलाई। इसमें तेज प्रताप को लेकर फीडबैक लिया। सामने आया कि तेज प्रताप को लोकल नेताओं का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। ऐसे में परिवार की इस सीट पर पेंच फंस सकता है। अखिलेश ने इसके बाद खुद वहां से उतरने का फैसला किया।

1999 में मुलायम ने लड़ा चुनाव, सिर्फ 2019 का चुनाव हारा
कन्नौज सीट सपा का गढ़ रही है। यहां 1999 में मुलायम सिंह से चुनाव लड़ा था। 2019 तक यह सीट सपा के पास ही रही। मुलायम सिंह के बाद अखिलेश ने 2000 का उपचुनाव, 2004 और 2009 लोकसभा चुनाव जीता। 2009 में हुए उपचुनाव में यहां से डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा और संसद पहुंचीं। 2014 में भी मोदी लहर में भी डिंपल यादव ने यहां से चुनाव जीता। 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक से डिंपल यादव 12 हजार वोट से हार गईं।

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