- शहर के डाक्टरों में उबाल, डीएम को सौंपा ज्ञापन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्यूटिमा प्रकरण को लेकर शहर में आईएमए के डाक्टरों में जबरदस्त नाराजगी है। आईएमए ने मंगलवार को सपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं, दूसरी ओर आईएमए के समर्थन में अब भाजपा भी खुलकर उतर आयी है। सपा विधायक पर डाक्टरों को डरने धमकाने सरीखे गंभीर आरोप लगाते हुए डाक्टरों ने आईएमए सभागार से कलक्ट्रेट तक विरोध मार्च निकाला। उन्होंने सपा विधायक के खिलाफ हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।
विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। आईएमए के अध्यक्ष डा. संदीप जैन के नेतृत्व में निकाले गए विरोध प्रदर्शन में डा. शिशिर जैन, डा. जेबी चिकारा, डा. शिशिर जैन, आईएमए के सचिव डा. तरुण गोयल, डा. मनीषा त्यागी, डा. शालीन शर्मा, डा. वीपी सिंहल, डा. ऋषि भाटिया, डा. सुमित उपाध्याय, डा. अमित जैन, डा. नवनीत गर्ग, डा. आशीष जैन आदि भी शामिल रहे। विरोध प्रदर्शन कलक्ट्रेट पर जाकर संपन्न हुआ। वहां डीएम को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम सिटी को दिया गया।
ज्ञापन में प्रशासन ने कहा कि जो डर का माहौल सपा विधायक ने बना दिया है उमसें काम करना संभव नहीं है। प्रतिनिधि मंडल ने करीब दो दर्जन ऐसी घटनाओं की सूची भी सौंपी जिनमें चिकित्सकों व नर्सिंगहोम संचालकों के साथ मारपीट और हंगामा किया गया, लेकिन पुलिस ने इन घटनाओं में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। आईएमए के चिकित्सकों का कहना था कि जब भी किसी चिकित्सक के साथ कोई अप्रिय घटना होती है आईएमए की ओर से पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों को अवगत करते हुए कार्रवाई का आग्रह किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी न तो कार्रवाई की जाती है न ही कोई ऐसी व्यवस्था बनायी गयी है
जिसमें चिकित्सकों के साथ आए दिन होने वाली मारपीट की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि जो हालात बन गए हैं। उसमें मेरठ के डाक्टर बुरी तरह डरे हुए हैं। यदि हालात में सुधार नहीं किया गया तो डाक्टरों के लिए मेरठ में मरीज देखना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी चिकित्सक या नर्सिंगहोम से कोई शिकायत है तो आईएमए उसका संज्ञान लेता है। आईएमए ने ग्रीवेन्स सेल बनाया हुआ है। यदि किसी भी चिकित्स के खिलाफ कोई शिकातय है तो उसमें भी अवगत कराया जा सकता है। आईएमए उसका संज्ञान लेगा और जो भी बेहतर हो सकेगा राहत देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायक के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
सरधना विधायक गरीब जनता की लड़ रहे लड़ाई: सीमा प्रधान
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान ने मंगलवार को पत्रकारों के साथ प्रेसवार्ता कर न्यूटिमा व सपा विधायक अतुल प्रधान के बीच पनपे विवाद के बारे में विस्तार से बताया। जनता जनप्रतिनिधि चुनती है कि वह उनकी अवाज उठाए यदि कहीं उनके साथ कोई गलत या उत्पीड़न हो रहा है तो वह जन प्रतिनिधि उनके साथ खड़ा हो। इसमें न्यूटिमा अस्पताल से यह विवाद गरीब जनता की अवाज उठाने पर शुरू हुआ है। महिला की डिलीवरी के दौरान पांच दिन में पांच लाख रुपये से अधिक का बिल बना दिया गया था।
जिसमें अतुल प्रधान वहां पहुंचे और बिल कम कराया। ऐसा नहीं है कि सभी डाक्टर एवं हॉस्पिटल संचालक गलत हैं। किस तरह से अस्पतालों में भ्रष्टाचार पनप रहा है। डाक्टर अपने ही स्टोर से दवाई लिखते हैं और अपनी ही लैब की रिपोर्ट को मान्य करते हैं यदि उनकी बिना मर्जी के दूसरी लैब में जांच या फिर दूसरे स्टोर आदि से दवा मंगवा ली जाए तो वह उसे वापस करा देते हैं। वह आईएमए या फिर सही डाक्टरों के खिलाफ उनकी लड़ाई नहीं हैं।
सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की गोद में जाने के बाद कुछ चिकित्सकों के द्वारा पदयात्रा निकाली गई। जिसमें विधायक के प्रति शर्मनाक नारेबाजी की गई। विधायक पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर कार्रावई के लिए दबाव बनाया जा रहा है। गरीब जनता की आवाज उठाना कोई गुनाह होता है क्या? जनता व पुलिस प्रशासन जानता है कि कौन सही या फिर गलत? निष्पक्ष जांच के बाद मामले में दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
डाक्टरों ने की पीड़ित के साथ धक्का-मुक्की, कागज फाड़े
सपा विधायक अतुल प्रधान के खिलाफ शहर के डॉक्टरों का मंगलवार को प्रदर्शन था। जुलूस के रूप में डॉक्टर कलक्ट्रेट पर पहुंचे, जहां न्यूटिमा का पीड़ित डीएम से मिलने आया हुआ था। इसी दौरान प्रदर्शनकारी डॉक्टर भी कलक्ट्रेट पहुंच गए। पीड़ित का आरोप है कि उसके साथ कलक्ट्रेट में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने धक्का-मुक्की की तथा कागज फाड़ दिये। बात मारपीट तक पहुंचती, उससे पहले ही मौजूद पुलिस कर्मियों ने पीड़ित राकेश उत्पल को सुरक्षा घेरे में लेकर अलग ले गए। फिर भी कुछ दूरी तक डॉक्टरों की भीड़ पीड़ित के पीछे मारपीट करने के लिए दौड़ी।
दरअसल, राकेश उत्पल निवासी पल्लवपुरम की पत्नी सविता उत्पल की पिछले दिनों न्यूटिमा में मौत हो गई थी। पहले ग्लोबल फिर न्यूटिमा में उसका उपचार चला था। सविता उत्पल आरजी डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता थी। किसी बीमारी से ग्रस्त थी, जिसके बाद आरोप है कि न्यूटिमा के डॉक्टरों की लापरवाही से उसकी मौत हो गई थी। इसकी शिकायत डीएम से राकेश उत्पल ने की थी। इसी शिकायत के आधार पर डीएम ने इसकी जांच सौंप दी थी। इसी मामले को लेकर मंगलवार को राकेश उत्पल डीएम से मिलने के लिये आए थे। इसी दौरान डॉक्टर भी अतुल प्रधान के खिलाफ कलक्टेÑट में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे थे। डॉक्टरों को पता चला कि राकेश उत्पल ये ही है,
जिसने न्यूटिमा के डॉक्टरों की शिकायत की थी, जिसके बाद तो डॉक्टरों की भीड़ ने राकेश उत्पल को घेर लिया और धक्का-मुक्की शुरू कर दी। आरोप है कि कुछ डॉक्टरों ने उत्पल के कागज भी फाड़ दिये। इसका वीडियो भी एक वायरल हो रहा हैं। जिसमें कई डॉक्टर उत्पल के साथ अभद्रता और कागजा फाड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टरों का ये व्यहार अच्छा नहीं हैं। प्रदर्शन करों, किसने मना किया हैं, लेकिन किसी से अभद्रता करने का डॉक्टरों को अधिकार किसने दिया? ये तो डॉक्टरों के पेशे के खिलाफ हैं। ऐसे तो समाज में डॉक्टरों की छवि धूमिल हो जाएगी।
सपा सरकार में था अपराध, अतुल फैलाना चाहते हैं फिर से आतंक
सपा विधायक एवं न्यूटिमा हॉस्पिटल के साथ आईएमए के बीच जो विवाद चल रहा है। उसमें भाजपा पूरी तरह से आईएमए के समर्थन में आ गए हैं। भाजपा महानगर मीडिया प्रभारी अमित शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर डाक्टर की संस्था आईएमए को बैठक के बाद जो समर्थन दिया गया उसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भाजपा की जो बैठक आयोजित की गई। उसमें महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई है। बैठक में भाजपा के राष्टÑीय उपाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद कांता कर्दम, ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, अश्वनी त्यागी, कमलदत्त शर्मा, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज आदि शामिल हुए।
बैठक में डाक्टर एवं सपा विधायक के बीच जो विवाद चल रहा है, उसमें कहा कि सपा विधायक भूल गए हैं कि सपा की सरकार में किस प्रकार लोगों का अपहरण किया जाता था। वह यह भी भूल गए कि किस प्रकार लोगों को धमकाकर उनसे मोटा पैसा ऐंठा जाता था। भाजपा की सरकार सभी का साथ सभी का विकास को चरित्रार्थ कर रही है। वहीं सपा विधायक अतुल प्रधान डाक्टरों को डरा धमकाकर आतंक फैलाना चाहते हैं। भाजपा पूरी तरीके से कटिबद्ध है कि डाक्टर नियमों के अंतर्गत कार्य करें। वह मरीजों की ठीक तरह से देखभाल करें वहीं उसके बाद भी कोई डाक्टर पर दबाव बनाता है तो भाजपा डाक्टरों के साथ खड़ी है। महानगर में किसी को भी डरा धमकाकर पैसा वसूल करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। वहीं डाक्टर्स की संस्था आईएमए ने भी भाजपाइयों को आश्वासन दिया कि सभी कार्य नियमानुसार किए जायेंगे।