- देर तक खुला कार्यालय, शासन को जवाब भेजने के लिए विधि विशेषज्ञों से मश्वरा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम के अपने मुखिया का दागदार गिरेबां बचाने के लिए अधिकारियों की पूरी कवायद चलती रही। कागजी किलाबंदी करने के लिए नगर निगम मुख्यालय जोन में देर शाम तक कार्यालय खुला तथा पत्रावलियों में सब चाक चौबंद करने की कोशिश हुई। शासन को जवाब भेजने के लिए नगर निगम के विधि विशेषज्ञों के साथ-साथ बाहर के अधिवक्ताओं से भी राय ली जा रही है। नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग ने शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये से दस डंपर ट्रकों की खरीद के लिए आॅर्डर बनाया।
नगर निगम ने विषय विशेषज्ञों से सलाह मश्वरा करने के बाद तय किया कि अशोक लीलैंड कंपनी के डंपर ट्रक खरीदे जायेंगे। नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग ने विषय व तकनीकी विशेषज्ञों से सलाह मश्वरा करने के बाद गत वर्ष सात अक्टूबर 2023 को वर्क आॅर्डर जारी किया। यह वर्क आॅर्डर बैक्सी लिमिटेड कंपनी के नाम जारी किया गया था। कंपनी को हिदायत दी गई थी कि अशोक लीलैंड कंपनी के डंपर ट्रक सप्लाई करके उनकी चेसिस व अन्य पत्रावलियां जैम पोर्टल पर भी डाउनलोड की जायें। वर्क आॅर्डर जारी कराने के बाद फाइलों की कागजी खानापूर्ति तो बंद कर दी गई, लेकिन इसके बाद नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग के अधिकारियों ने खेल शुरू कर दिया।
बैक्सी लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अशोक लीलैंड के स्थान पर महेन्द्रा ब्लेजो डंपर ट्रकों की सप्लाई मंगवा ली गई। यह सभी नये डंपर नगर निगम के दिल्ली रोड वाहन डिपो पहुंचे तथा इन्हें यहीं पर खड़ा भी करा दिया गया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त निविदा में प्रतिभागी समस्त फर्मों द्वारा अपलोड किये गये प्रपत्र आॅनलाइन जैम पोर्टल पर संरक्षित है, जिनका अवलोकन जैम पोर्टल पर भी किया जा सकता है, लेकिन आपूर्ति के महेन्द्रा ब्लेजो डंपर जब सामने खड़े रहे और अधिकारियों की छिछालेदारी होती रही तो इन डंपरों को चोरी छिपे नगर निगम के दिल्ली रोड वाहन डिपो के सरस्वती लोक में बनाये गये नये ज्वाइंट वाहन डिपो में भेज दिया गया।
तब से पिछले पांच महीने से यह ट्रक सरस्वती लोक के ज्वाइंट डिपो में खड़े धूल फांक रहे हैं। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है। इसमें नगर आयुक्त से शिकायत संदर्भ संख्या-12138240042235 के बारे में पूछा गया है कि वाहनों की आर्डर के विपरीत खरीद क्यों की गई है? मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को जवाब भेजने के लिए नगर निगम के मुख्यालय जोन में शनिवार सुबह से ही अधिकारियों की पूरी फौज कागजी किलाबंदी करने में जुटी रही। शासन सबसे ज्यादा इस बात से खफा है कि साढ़े चार करोड़ रुपये की गाड़ियां बिना चले हुए धूल फांक रही हैं। कागजों में अपने खरीद के सौदे को सही दिखाने के लिए कागजी हेराफेरी दिन भर चलती रही। मुख्यालय जोन के साथ-साथ कैंप कार्यालय पर भी कागजी किलेबंदी सही की जाती रही।
डा. हरपाल सिंह के कार्यालय की जगह भी बदली
चोर की दाढ़ी में तिनका की कहावत नगर निगम के अधिकारी अंजाम दे रहे हैं, लेकिन अपनी होशियारी में यह भूल जाते हैं कि पब्लिक सब जानती है। आॅर्डर के विपरीत अशोक लीलैंड के स्थान पर महेंद्रा के डंपरों की खरीद के मामले के उजागर होने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा है। यह सारा मामला नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग से जुड़ा हुआ है। नगर आयुक्त ने अपने चहेते पीसीएस अधिकारी डा. हरपाल सिंह को पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी के पद पर नियुक्त किया। जबकि नगर निगम में पहले ही नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह तैनात हैं। नगर आयुक्त को शक हुआ कि डा. हरपाल सिंह के कार्यालय से ही यह गोपनीय सूचना लीक हुई है। अपने तथा अपने चहेते अधिकारी को बचाने के लिए नगर आयुक्त ने डा. हरपाल सिंह के कार्यालय को बदलकर ऊपर प्रथम तल पर शिफ्ट कर दिया है। ताकि घालमेल के कागजात बाहर लीक न हो सकें।