Friday, May 23, 2025
- Advertisement -

अधिकारियों की ‘फटकार’ का पुलिस पर असर नहीं

  • 19 माह बाद भी अबूझ पहले बना पांचली बुजुर्ग का नेत्रपाल हत्याकांड
  • पांच जांच अधिकारी सर्विलांस टीम, क्राइम ब्रांच सब हुए फेल

जनवाणी संवाददाता |

सरूरपुर: 19 माह बीतने के बाद भी पांचली बुजुर्ग के नेत्रपाल हत्याकांड की गुत्थी आज तक भी अनसुलझी है। वादी की फरियाद और अधिकारियों की फटकार के बाद भी पुलिस 19 महीने बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। नेत्रपाल हत्याकांड में छह लोगों के नामजदगी और दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद भी पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। पुलिस की कहानी अपने ही बुने जाल में फंस कर रह गई है। पांच जांच अधिकारी, सर्विलांस टीम की फौज सब हुए फेल।

क्या था मामला

घटनास्थल आर्य गोशाला पांचली बुजुर्ग घटना गत 6 अप्रैल 2022, समय लगभग रात के 12 बजे गोशाला पर मौजूद हारुन व नेत्रपाल पर कुछ सशस्त्रधारी लोग हमला करते हैं। जिनमें नेत्रपाल की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और हारुन गंभीर रूप से घायल हो जाता है। घटना में अगले दिन नेत्रपाल के भाई चरण सिंह गांव के ही छह लोगों को नामजद करते हैं। जिनमें से चार लोग मुस्लिम, दो हिंदू व पांच अज्ञात भी दिखाए जाते हैं।

19 24

पुलिस इनमें से कुछ को उठाकर उसे तक भी कर दिया, लेकिन न जाने किस कारण कुछ लोगों को क्लीन चिट भी दे दी जाती है। घटना की जांच तत्कालीन थानाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह ने की। कई महीने तक चले घटनाक्रम के बाद पुलिस कार्रवाई शून्य रही। इसके बाद से लगातार पुलिस फॉरेंसिक, सर्विलांस की जांच पर जांच चलती है। एसओजी तक सक्रिय रही, लेकिन अब लगभग 19 महीने हो चुके हैं। नतीजा आज भी ढाक के तीन पात ही है। पुलिस अब एक तरह से इस हत्याकांड पर कुंडली मारे बैठ गई है।

वादी और चश्मदीद की कहानी में उलझी पुलिस

मृतक के भाई चरण सिंह की ओर से जहां हत्याकांड में छह लोगों को नामजद करते हुए उन पर हत्या का आरोप लगाया तो वहीं घटना में चश्मदीद और हमले में गंभीर रूप से घायल हारुन ने पुलिस को नामजद से अलग छह नाम इसरार, इस्तकार, गुलजार, मुजम्मिल, मुस्तकीम व रमेश हमलावर बताए।

जिसके बाद पुलिस ने जहां एक-एक कर चश्मदीद हारुन की कहानी सच मानते हुए सभी छह लोगों से गंभीरता से कई चरणों में पूछताछ की, लेकिन चश्मदीद और वादी दोनों की कहानी और बयानों में पुलिस उलझ कर रह गई और नतीजा कुछ नहीं निकल पाया। जिन्हें अधिकारियों के आदेश पर रिहा कर दिया जाता है।

ये लोग हुए थे नामजद

सुमित पुत्र नरेश, संजीव उर्फ जाली पुत्र महावीर निवासी गांव बपारसी थाना सरधना, सद्दाम पुत्र जीशान, अब्बास पुत्र यामीन, दीनू पुत्र अली मोहम्मद और इसरार पुत्र मोमिन निवासी गांव पांचली बुजुर्ग थाना अलावा पांच छह अज्ञात लोग भी मृतक के भाई चरण सिंह ने दी तहरीर में दर्शाए थे।

597 दिन, 41 लोग 52 मोबाइल की कॉल डिटेल

हत्याकांड में अभी तक 597 दिन में नामजद जांच और प्रकाश में आए लोगों संदिग्धों व आसपास के लगभग तीन दर्जन से भी अधिक लोगों से पुलिस पूछताछ और पांच आईओ बदलने के साथ ही लगभग 52 से अधिक लोगों के मोबाइल की कुंडली भी खंगाल चुकी है, लेकिन बावजूद इसके पुलिस फिर भी फेल है। एक तरह से पुलिस के लिए नेत्रपाल हत्याकांड गले की फांस बंद कर रह गया है। मृतक का भाई और घटना का वादी चरण सिंह उर्फ चरणी आज भी अधिकारियों के दर को खटखटा रहा है।

जर, जोरू या जमीन किसके लिए हुई हत्या?

नेत्रपाल हत्याकांड में पुलिस तमाम पहलुओं पर गौर कर चुकी है, लेकिन आज तक जर, जोरू या जमीन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। हालांकि पुलिस जांच के दौरान अविवाहित नेत्रपाल के नाम संपत्ति, अवैध संबंध या फिर गोशाला की भूमि तीनों पहलूओं पर जांच करके थक चुकी है, लेकिन पुलिस को आज तक कोई लाइन नहीं मिल पाई।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Athiya Shetty: बॉलीवुड से ब्रेक ले चुकी हैं अथिया शेट्टी, पिता सुनील शेट्टी का बयान आया सामने

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी व्रत कल, जानिए महत्व और पूजन विधि

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img