- परिवार पालने की मजबूरी या फिर अव्वल दर्जे की लापरवाही
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में पीवीवीएनएल के तमाम फीडर लोगों को मौत की दावत देते नजर आ रहे हैं। जो हालात नजर आते हैं उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि पीवीवीएनएल प्रशासन को शहर में किसी बडेÞ हादसे और उस हादसे से होने वाले बवाल का इंतजार है। पीवीवीएनएल के ये फीडर जानलेवा ठिकाने बने हुए हैं। पीवीवीएनएल के स्तर से बड़ी लापरवाही बरती जा रही है यह बात तो समझ में आती है, लेकिन मौत के जीते जागते उदाहरण बने इन फीडरों के साए में लोगों का कारोबार करना समझ से परे है।
साप्ताहिक पैंठों में ऐसे फीडरों के चारों ओर दुकान सजा दी जाती है। अब इसको कारोबारी मजबूरी कहे या फिर परिवार का पेट पालने के नाम पर बड़ा रिस्क लेना, लेकिन यहां बात सिर्फ इतनी सी कि ये तमाम फीडर जो खुले हुए हैं और मौत की दावत देते नजर आ रहे हैं इनको लेकर जितनी लापरवाही पीवीवीएनएल के स्तर से बरती जा रही है, उससे ज्यादा लापरवाही वो लोग भी बरत रहे हैं जो इन फीडरों को साप्ताहिक पैंठों में दुकान की तरह यूज कर रहे हैं।
खुलेआम मौत के ठिकाने बने इन फीडरों को दुकान की तरह इस्तेमाल करने वालों को भले ही डर ना लगता हो, लेकिन मौत के साऐ में बैठकर दुकानदारी कर रहे इन लोगों को देखकर ग्राहक जरूर डर जाते हैं। अब यदि बात मौत का ठिकाना बने फीडरों की जाए तो लालकुर्ती बाउंड्री रोड पर सप्ताह में दो बार पैठ लगती है। मौत की दावत दे रहे ऐसे ही एक फीडर यहां लगा हुआ है। जहां पर यह जाली विहिन फीडर लगा हुआ है, साप्ताहिक पैंठ में दुकान लगाने वाले इस फीडर का प्रयोग दुकान की तरह करते हैं।
जबकि पूरी तरह से असुरक्षित इस फीडर के पास खड़ा होना भी खतरे से खाली नहीं। ऐसा ही एक फीडर जाटव गेट क्षेत्र में है जिसका इस्तेमाल साप्ताहिक पैंठ में दुकानदार दुकान या कहें खोखे की भांति करते हैं। इसके अलावा हापुड़ रोड पर इमलियान के सामने सूरजकुंड रोड के मोड़ पर भी ऐसा ही एक खुला हुआ जाली विहिन फीडर पीवीवीएनएल की लापरवाही की जीता जागता सबूत बना हुआ है।