Friday, April 19, 2024
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वी ब्रोस में आक्सजीन सिलेंडरों की जमकर जमाखोरी

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  • हरिद्वार की कंपनी ने लगाया आरोप, अधिकारी जांच में जुटे
  • पीड़ित ने अफसरों से की है शिकायत, जल्द हो सकती है कार्रवाई

वरिष्ठ संवाददाता |

सहारनपुर: कोरोना के इस कठिन दौर में आक्सीजन की किल्लत से लोग दम तोड़ रहे हैं। सूबे के तमाम शहरों में आॅक्सीजन की किल्लत किसी से नहीं छुपी है। इस विकट हालात में भी जमाखोर बाज नहीं आ रहे। महानगर के दिल्ली रोड स्थित वी ब्रोस हास्पिटल में भी आक्सीजन सिलेंडरों की जमाखोरी का सनसनीखेज मामला आया है। पीड़ित ने इस बाबत जिलाधिकारी समेत अन्य अफसरों से शिकायत की है। लेकिन, हास्पिटल संचालकों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। वह सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी के संचालक को धमकियां दे रहे हैं।

बता दें कि महानगर में कोरोना का कहर जारी है। लगातार मरीज मिल रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी कम नहीं हो रहा है। सबसे बड़ी वजह आक्सीजन सिलेंडरों की कमी है। सोमवार को भी दो ऐसे लोगों ने दम तोड़ दिया जिन्हें समय पर आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं हो सका। दरअसल, इन दिनों प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर आक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी और जमाखोरी दोनों की जा रही है।

ताजा मामला दिल्ली रोड स्थित बी व्रोज हास्पिटल का है। इस हास्पिटल को कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत किया गया है और 19 बेड आरक्षित किए गए हैं। लेकिन, यहां भी आक्सीजन सिलेंडरों की जमाखोरी की जा रही है। उत्तराखंड के हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित मां गंगा गैसेस के संचालक मयंक चोपड़ा बी ब्रोस हास्पिटल को आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करते आ रहे हैं।

मयंक चोपड़ा का कहना है कि उन्होंने पिछले दिनों करीब 53 आक्सीजन सिलेंडर बी व्रोस अस्पताल को सप्लाई किए। कायदे से तो आक्सीजन लेने के बाद खाली सिलेंडर वापस कर दिए जाने चाहिए थे। जैसा कि पहले होता रहा है। लेकिन, अस्पताल संचालक ऐसा नहीं कर रहे हैं। मयंक का आरोप है कि अस्पताल संचालक पहले तो आनकानी किेए और फिर बाद में उन्हें लौटाने के नाम पर अंगूठा दिखा रहे हैं।

यही नहीं वह तरह-तरह की धमकियां दे रहे हैं। फिलहाल, मयंक की मां गंगाग गैसेस कंपनी को खाली सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में उन्हें अन्य जगहों पर सप्लाई देने में दिक्कत हो रही है। इस बाबत मयंक चोपड़ा ने जिलाधिकारी अखिलेश सिंह और सीएमओ डाक्टर बीेएस सोढ़ी से भी शिकायत की है। इस बाबत जब अस्पताल संचालकों के मोबाइल पर फोन कर बातचीत का प्रयास किया गया तो उन्होंने संपर्क काट दिया। बाद में फोन का स्विच आफ कर दिया।

कुछ देर बाद फोन खुला तो काल अटैंड नहीं की। इस संबंध में जनवाणी संवाददाता ने सीएमओ को खुद अवगत कराया है। वहीं, इस बाबत एसपी सिटी राजेश कुमार को भी प्रमाण के तौर पर पूरी जानकारी दी गई। एसपी सिटी ने कहा है कि वह तुरंत इसकी जांच करा रहे हैं। जमाखोरी की बात पुष्ट होने पर संबंधित के खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश हैं कि अगर कोई आक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी अथवा कालाबाजारी कर रहा है तो उसके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, यहां तो कुएं में ही भांग पड़ी है। सीएम के आदेशों का इस अस्पताल के संचालक के लिए जैसे कोई मायने ही न हों। वह मनमानी पर उतर आए हैं। वैसे भी इस अस्पताल की लगातार शिकायतें आती रही हैं।

सवाल है कि लग्जरी कारों से चलने वाले लोग भी आक्सीजन गैस की जमाखोरी क्यों करने लगे हैं। क्या उन्हें कानून का भय नहीं है। अगर इसी रह जमाखोरी होती रही तो आने वाले दिनों में आक्सीजन गैस की भारी कमी आ सकती है।

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