- औद्योगिक क्षेत्र शामली और झिंझाना में पकड़ी शस्त्र फैक्ट्री
- पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, दो फरार
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: कोतवाली पुलिस ने एसओजी टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए औद्योगिक क्षेत्र के जंगल से अवैध शस्त्र फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी में बड़ी मात्रा में तैयार व अधबने तमंचे, कारतूस और शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद हुए है। साथ ही अवैध असलाह बरामद किया गया है। झिंझाना पुलिस ने भी तमंचा फैक्ट्री पकड़ी है।
पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव ने पंचायत चुनाव शांति पूर्ण कराए जाने के उद्देश्य से अभियान चला रखा है जिसमें अवैध शस्त्र, शराब आदि के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं। सदर कोतवाली शामली एवं एसओजी पुलिस ने मंगलवार को एक सूचना पर अवैध शस्त्र फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस आद्यौगिक क्षेत्र के जंगल से अवैध शस्त्र बनाते एक अभियुक्त को गिरफ्तार करते हुए अवैध शस्त्र फैक्ट्री का अनावरण किया है।
मौके से बड़ी मात्रा में बने-अधबने तमंचे, कारतूस, शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की है। कोतवाली थाना प्रभारी सतपाल सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त ने अपने नाम महबूब पुत्र मुन्ना निवासी मोहल्ला तलाही झिंझाना जबकि अपने फरार साथी का नाम वकील पुत्र नामालूम निवासी मोहम्मदपुर राई कैराना बताए हैं।
साथ ही महबूब ने बताया कि वह और उसके साथी देशी तमंचों का निर्माण कर आसपास के क्षेत्रों में बेचा जाता है। इसके एक और फरार साथी अभियुक्त की तलाश एवं गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा। जिनको अवैध हथियार बेचे गये हैं उनका भी पता लगाकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
तमंचा फैक्ट्री के साथ आरोपी गिरफ्तार
थाना झिंझाना एवं स्वाट टीम ने अहमदगढ़ के जंगल में चलाई जा रही अवैध शस्त्र फैक्ट्री पर छापेमारी कर एक अभियुक्त को गिरफ्तार करते हुए शस्त्र फैक्टरी का अनावरण किया है। मौके से बड़ी मात्रा में बने-अधबने तमंचे, कारतूस, शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद हुए है।
इस मामले का मुकदमा भी शामली सदर कोतवाली में ही दर्ज कर जांच शुरू की गई है। पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम जावेद उर्फ काला पुत्र उमरदीन निवासी आलकलां कैराना और फरार साथी का नाम लड्डन सिंह निवासी करनाल हरियाणा बताया। आरोपी बड़ी मात्रा में तमंचे बनाकर आसपास के लोगों को तमंचे सप्लाई करने वाले थे। इन तमंचे कारतूस का प्रयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में होना था।