- पारुल चौधरी के एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने से स्टेडियम में हर चेहरा खिला, हर दिल बाग-बाग
- 3000 स्टीपल चेज में रजत पदक जीतकर मेरठ का नाम दुनिया भर में किया रोशन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 19वें एशियन गेम्स में भारत जहां पदकों के अर्धशतक लगाकर काफी आगे बढ़ चुका है, वहीं मेरठ के हिस्से में एक के बाद एक करके कई उपलब्धियां शामिल होती जा रही हैं। सोमवार को मेरठ की बेटी पारुल चौधरी ने 3000 मीटर स्टीपल चेज इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल किया है। पारुल चौधरी की इस उपलब्धि पर क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी उसके कोच से लेकर हर कोई गदगद है, सबके चेहरे खिले-खिले हैं, सबके दिल बाग-बाग हो गए हैं।
अभी दो दिन पहले ही शाटॅपुट में मेरठ की किरण बालियान ने कांस्य पदक हासिल करके स्टेडियम के हर छोर को खुशियों से लबरेज कर दिया था। इस बीच सोमवार को दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी पारुल चौधरी ने 3000 मीटर स्टीपल चेज इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल करके खुशियों को दोबाला कर दिया। उसकी इस उपलब्धि पर अपनी खुशी का हिसार करते हुए क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी वाईपी सिंह ने कहा की पारुल बहुत मेहनती लड़की है।
उसकी 8-8 घंटे प्रतिदिन की जाने वाली मेहनत रंग लाई है। उसने एक के बाद एक कई उपलब्धियां हासिल की है उन्होंने उम्मीद जताई के 5000 मीटर दौड़ में भी पारुल पदक जरूर जीतेगी। उन्होंने किरण और पारुल के साथ सीमा पुनिया के डिस्कस थ्रो में मिले कांस्य पदक पर भी खुशी जताते हुए बधाई दी है। पारुल के कोच गौरव त्यागी ने कहा कि प्रतिभा की धनी पारुल को खुद अपनी रेंज के बारे में पता नहीं है।
गौरव त्यागी ने बताया दो माह पहले ही थाइलैंड के बैंकाक में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में पारुल ने शानदार प्रदर्शन करते हुये गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। जबकि 2018 एशियन गेम्स में भी पारुल पदक जीत चुकी है। वहीं पारुल दो बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।
अपने इरादों की मजबूत पारुल ओलम्पिक के लिए पहले ही क्वालिफाई कर चुकी है। कोच गौरव त्यागी ने विश्वास जताया कि पारुल ने केवल 5000 मीटर में मेडल जीतेगी, बल्कि आने वाले एशियन गेम्स तक होने वाले सभी खेलों में बेहतर प्रदर्शन करके कई साल तक मेडल पर मेडल लाती रहेगी।