ग्रीक भाषा मे फिजिक्स का अर्थ ‘नॉलिज आॅफ नेचर’ अर्थात प्रकृति का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञान के रूप मे संपूर्ण यूनिवर्स के मोडस ओपेरंडी को समझने के लिए फिजिक्स को फंडामेंटल साइन्टिफिक डिसप्लिन के रूप में भी जाना जाता है। फिजिक्स का प्रत्यक्ष संबंध रिसर्च और टेक्नॉलोजी में डेवलपमेंट से होता है। विश्व के तीन महान भौतिकवेत्ताओं के रूप में गैलीलियो गैलिली, आइजक न्यूटन और अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिकी के तेजी से विकास में महती भूमिका निभाई है। फिजिक्स के डेवलपमेंट के साथ टेक्नॉलजी एडवांस्ड होती जाती है। इसके फलस्वरूप करिअर, जॉब ओपॉरचयूनिटीज और लोगों के लाइफ स्टाइल में भी बड़ी तेज गति से इजाफा होता है।
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फिजिक्स में करिअर : शुरुआत कहां से करें
फिजिक्स में करिअर की शुरुआत साइंस स्ट्रीम में बारहवीं परीक्षा पास करने के बाद से की जा सकती है। साइंस स्ट्रीम में बारहवीं करने के बाद फिजिक्स में आगे के कोर्स के मुख्य रूप से तीन रास्ते होते हैं-फिजिक्स या अप्लाइड फिजिक्स में बीएससी जिसकी अवधि तीन वर्ष की होती है। इस ग्रेजुएशन कोर्स के बाद फिजिक्स में दो-वर्षीय मास्टर आॅफ साइंस अर्थात एमएससी किया जा सकता है।
फिजिक्स में एमएससी से आगे पीएचडी का रास्ता क्लीयर हो जाता है। साइंस स्ट्रीम में बारहवीं के बाद इंजीनियरिंग फिजिक्स में बीटेक भी किया जा सकता है, जिसकी अवधि चार वर्ष की होती है। इसके बाद दो वर्ष के इंजीनियरिंग फिजिक्स में एमटेक किया जा सकता है। तीसरे रास्ते के रूप में फिजिक्स में बीएससी और एमएससी इंटेग्रेटटेड कोर्स भी किया जा सकता है।
फिजिसिस्ट बनने के लिए महत्वपूर्ण चार स्टेप्स निम्नांकित हैं-
1. फिजिक्स में बैचलर डिग्री प्राप्त करना, 2. फिजिक्स में पोस्टगे्रजूएट डिग्री प्राप्त करना, 3. रिसर्च और हाई स्टडी के लिए फिजिक्स में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करना, 4. पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च प्रोजेक्ट्स और फेलोशिप जॉइन करना
प्रमुख संस्थान
फिजिक्स की स्टडी के कुछ प्रमुख संस्थान निम्नांकित हैं-
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस, बैंगलुरू
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, कोलकाता, पुणे, मोहाली, भोपाल, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, बरहामपुर
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नॉलजी (आईआईएसटी), तिरुवनंतपुरम
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नॉलजी, मुंबई, मद्रास, गुवाहाटी, दिल्ली, हैदराबाद
सैंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली
बनारस यूनिवर्सिटी, वाराणसी
सैट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई, कोलकाता
फर्गुसन कॉलेज, पुणे
पर्सनल स्किल्स
फिजिक्स में करिअर की राहें आसान नहीं हैं। फिजिक्स की स्टडी के लिए निम्न कुशलताओं का होना अनिवार्य माना जाता है-
एडवांस्ड मैथमैटिकल स्किल्स, प्रॉब्लम-सॉलविंग की कुशलता, कंप्यूटर की गहरी नॉलिज, बहुत अच्छी कम्युनिकेशन स्किल, क्विक डिसिशन-मेकिंग पावर।
फिजिक्स में स्पेशलाइजेशन का डोमेंस
साइंस की फैकल्टी में भौतिकी का डोमेन काफी विस्तृत है, जिसमें निम्न क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन का अध्ययन किया जा सकता है-
ऐस्ट्रोफिजिक्स (सोलर सिस्टम, गैलक्सीज और तारों सहित संपूर्ण यूनिवर्स का अध्ययन)
एटमॉसफेरिक और एन्वाइरनमेंटल फिजिक्स (एनवायरनमेंट के विभिन्न आस्पेक्टस का अध्ययन)
एटॉमिक एण्ड मॉलेक्यूलर फिजिक्स (ऐटम और मॉलेक्यूल के संरचना और व्यवहार का अध्ययन)
कॉनडेंसंड मैटर फिजिक्स (विभिन्न परिस्थितियों में सॉलिड मैटर के व्यवहार और फीचर्स का अध्ययन करना। इस स्पेशलाइजेशन का एपलीकेशन विभिन्न प्रॉडक्टस की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए किया जाता है।)
कॉज्मॉलोजी (ब्रह्मांड के उद्भव और इसके विभिन्न प्रॉपर्टीज का अध्ययन)
मेडिकल एंड हेल्थ फिजिक्स (मेडिसन और हेल्थ में फिजिक्स के एप्लीकेशन का स्टडी)
नैनोटेक्नॉलजी (पदार्थों के अटॉमिक और सबअटॉमिक स्ट्रक्चर के आधार पर मजबूत मटेरियल्स के निर्माण का अध्ययन)
पार्टिकल एंड नूक्लीअर फिजिक्स (पदार्थों की प्रकृति और अटॉमिक न्यूक्लियस का अध्ययन)
महत्वपूर्ण रिक्रूटर्स
डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आॅर्गनाइजेशन (डीआरडीओ)
इंडियन स्पेस रिसर्च आॅर्गनाइजेशन (इसरो)
अटामिक रिसर्च सेंटर
नेशनल एरनॉटिक्स एण्ड स्पेस ऐड्मिनिस्ट्रैशन (नासा)
स्पेस ऐपलीकेशन सेंटर
आॅइल नैचूरल एण्ड गैस कमीशन (ओएनजीसी)
भारत हेवी एलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल)
नेशनल ऐट्मॉस्फेरिक रिसर्च लैबोरेटरी
इंस्टीट्यूट आॅफ नूक्लीअर फिजिक्स
नूक्लीअर साइंस सेंटर
नेशनल जीआॅग्रफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट
फिजिक्स में करियर के अवसर
फिजिक्स में ग्रेजूएट, पोस्टग्रेजूएट और पीएचडी के प्रोफेशनल्स इंजीनियरिंग, मेटेरोलॉजी, एस्ट्रानमी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हेल्थ केयर, मौसम परिवर्तन, मिलिटरी, एटोमिक और नूक्लीअर एनर्जी, साइंस एण्ड टेक्नॉलजी, स्पेस टेक्नॉलजी, ऐवीएशन, टेलीकम्यूनिकेशन इत्यादि कई क्षेत्रों मे प्रामिजिंग करिअर की शुरुआत कर सकते हैं।
स्पेस साइंटिस्ट और ऐस्ट्रनॉट : फिजिक्स के स्टूडेंट्स के लिए ऐस्ट्रनॉट बनना सबसे बड़े सपने के रूप में शुमार होता है। खगोलीय पिंडों और उनके विविध घटनाओं का अध्ययन करना एस्टरोनोमी का डोमेन होता है। ऐस्ट्रनॉट बनने के लिए फिजिक्स या ऐस्ट्रोफिजिक्स में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री अनिवार्य होती है। एस्ट्रनॉट के रूप में इसरो, डीआरडीओ और नासा जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शानदार करिअर का आगाज किया जा सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में करिअर प्रॉस्पेक्ट्स : फिजिक्स में ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री उम्मीदवारों के लिए एजुकेशन सेक्टर में करिअर की अपार संभावनाओं के दरवाजे खुल जाते हैं। फिजिक्स के प्रोफेशनल्स सरकारी और निजी स्कूलों में पीजीटी फिजिक्स के रूप में करिअर की शुरुआत कर सकते हैं। पीएचडी, नेट और सेट की परीक्षाओं के पास करने के बाद कॉलेज में फिजिक्स के असिस्टेन्ट प्रोफेसर के रूप में भी करिअर का प्रारंभ किया जा सकता है।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करिअर : इंजीनियरिंग और फिजिक्स के डोमेंस एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। फिजिक्स के अभाव में इंजीनियरिंग की कल्पना नहीं की जा सकती है। मैन्यूफैक्चरिंग में डिजाइन और टेक्नॉलजी विकसित करने में फिजिक्स प्रोफेशनल्स की अहम भूमिका होती है। फिजिक्स के गे्रजुएट और पोस्टग्रेजुएट विविध उद्योगों उदाहरण के लिए मेडिसन, एनर्जी, ट्रांसपोर्ट, टेलीकम्युनिकेशन, एनर्जी, स्पेस एक्स्प्लोरेशन में प्रोडक्टस को डिवेलप करने से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस को मॉडर्न करने में अपने करिअर का प्रारंभ कर सकते हैं।
हेल्थकेयर सेक्टर में करिअर : फिजिक्स हेल्थकेयर के सेक्टर को काफी प्रभावित करता है। फिजिक्स में ग्रैजूएशन और मास्टर क्वालिफिकेशन के बाद मेडिकल इक्विप्मेंटस के इंवेंशन और मैंटीनेंस की जिम्मेदारियों में जॉब्स पाया जा सकता है। रेडियोलॉजी, रेडिएशन आंकॉलजी और नूक्लीअर मेडिसिन के क्षेत्र में फिजिक्स के प्रोफेशनल्स के लिए करिअर के स्कोप काफी विस्तृत हैं।
एनर्जी के क्षेत्र में : ऊर्जा को किसी देश के विकास का इंजन माना जाता है।
विश्व की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फिजिक्स के प्रोफेशनल्स की मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है। जीवाश्म र्इंधन के रूप में कच्चे तेल के क्षेत्र की खोज से लेकर उसके रिफाईनिंग के लिए देश के निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में बड़ी डिमांड होती है। इतना ही एनर्जी के नॉन-कंवेंशनल स्रोत के रूप में सोलर एनर्जी के सेक्टर में भी फिजिक्स के प्रोफेशनल्स के लिए करिअर की नई राहें खुलते जा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी के सेक्टर में : साइंस और टेक्नोलॉजी के तेज रफ्तार डेवलपमेंट के साथ फिजिक्स का टेक्नोलॉजी के सेक्टर में एप्लीकेशन भी बहुत बढ़ी है। नैनो साइंस से लेकर नैनो टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और अन्य रिलेटेड सेक्टर्स में फिजिक्स में डिग्री होल्डर्स के लिए जॉब्स की संभावनाओं में निरंतर वृद्धि होती जा रही है।
जीओफिजिक्स और मेटेरिओलोजी : जीओफिजिक्स का साइंस पृथ्वी की प्रकृति और पर्यावरण के अध्ययन से संबंधित होता है। फिजिक्स में एमएससी की डिग्री के बाद प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी के साथ मेटेरिओलोजी में भी मौसम वैज्ञानिक के रूप में भी करिअर की शुरुआत की जा सकती है।
ब्लॉगर और कंटेन्ट राइटिंग : सोशल मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग और कंटेंट राइटिंग का फैशन भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अपने वेबसाइट के निर्माण के साथ नियमित रूप से फिजिक्स के टॉपिक्स पर ब्लॉग्स लिखने से लेकर खास वीडियो पोस्ट करना ब्लॉगिंग के मुख्य कार्य माने जाते हैं। फिजिक्स के विभिन्न टॉपिक्स पर आॅनलाइन कंटेटिं राइटिंग से लेकर विभिन्न न्यूजपेपर्स और पत्रिकाओं में फ्रीलांसर के रूप में आर्टिकल्स लिखकर भी पार्ट टाइम रोजगार के रूप में भी आसानी से अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।