जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्तूबर को कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के बाद कुशीनगर एयरपोर्ट पर श्रीलंका के कोलंबो से पहला जहाज 125 बौद्ध भिक्षुओं समेत पर्यटक के साथ उतरेगा। एयरपोर्ट बनने से पर्यटकों के साथ -साथ पूर्वी यूपी और बिहार के पश्चिमी व उत्तरी क्षेत्र की करीब दो करोड़ आबादी को सीधे लाभ होगा।
इस एयरपोर्ट से 10 से 15 जिले जुड़ेंगे।एयरपोर्ट बनने से दुनियाभर के बौद्धों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी। पर्यटन से स्थानीय लोगों को रोजगार तो केला, स्ट्रॉबेरी व मशरूम के निर्यात को बढ़ावा मिलने वाला है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इस सप्ताह चालू हो जाएगा। करीब 260 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 3600 वर्गमीटर में फैले नए टर्मिनल भवन के साथ कुशीनगर हवाई अड्डा तैयार हुआ है।नया टर्मिनल भीड़भाड़ वाले समय में 300 यात्रियों के लिए आने-जाने की सुविधा प्रदान करेगा।
कुशीनगर एक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ केन्द्र है, जहां भगवान गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। यह बौद्ध सर्किट का केन्द्र बिंदु भी है, जिसमें लुंबिनी, सारनाथ और गया के तीर्थस्थल शामिल हैं।
हवाई अड्डा बौद्ध धर्म के और अधिक अनुयायियों को देश और विदेश से कुशीनगर आकर्षित करने में मदद करेगा और बौद्ध विषय वस्तु आधारित सर्किट के विकास को बढ़ाएगा। बौद्ध सर्किट के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा अब कम समय में पूरी हो सकेगी।
20 फीसदी पर्यटकों की बढ़ोतरी संभव
दक्षिण एशियाई देशों के साथ सीधा विमान संपर्क शुरू होगा। श्रीलंका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर आदि से आने वाले पर्यटकों के लिए कुशीनगर पहुंचने और क्षेत्र की समृद्ध विरासत का अनुभव करना आसान बना देगी। उड़ान के उद्घाटन के साथ पर्यटकों के आगमन में 20% तक की वृद्धि होने की उम्मीद है।