- खुफिया इकाइयां भी कर रहीं निगरानी, संवेदनशील इलाकों में फोर्स रहेगा तैनातजनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। खुफिया इकाइयां भी सक्रिय कर दी गई हैं। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जुमे की नमाज शांतिपूर्व अता की जा सके और पिछले जुमे की तरह कोई बखेड़ा न हो, इसके लिए जनपद की पुलिस के साथ-साथ आरएएफ की तीन कंपनियां, पीएसी की तीन कंपनियां बुलाई गई है। पुलिस बल मस्जिदों के आस-पास सुरक्षा की दृष्टि से तैनात रहेगा।
गत दस जून को जुमे की नमाज के बाद महानगर व देवबंद में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया गया था। इसके साथ ही हालात एकदम से पलट गए थे। यहां तक कि खुफिया विभाग भी इस स्थिति का अंदाजा लगाने में नाकाम रहा था। हालांकि मंडलायुक्त, डीएम, एसएसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने हालात को जल्द ही काबू में कर लिया था। लेकिन बावजूद इसके महानगर में घंटाघर तक बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया। यहां तक की पत्थरबाजी भी हुई थी।
इसमें पुलिस का भी एक कास्ंटेबल घायल हो गया था। इस बार जुमे की नमाज के बाद ऐसे हालात न बनें, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। जनपद के सभी 21 थाना क्षेत्रों के सीओ, थाना प्रभारियों, चौकी इंजार्चों को निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में पिछले कई दिनों से महानगर से लेकर देहात क्षेत्रों तक के थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज धर्म गुरुओं व शांति समितियों के साथ बैठक कर शांतिपूर्वक जुमे की नमाज अता करने की अपील कर रहे हैं। इसके साथ ही शरारती तत्वों को चिन्हित भी किया जा रहा है।
महानगर में भी जुमे की नमाज शांतिपूर्व अदा की जा सके और कोई हंगामा ना हो इसके लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक धर्म गुरुओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। गुरुवार को वक्फ जामा मस्जिद कलां शहिद गंज की प्रबंध समिति की ओर भी अपील जारी कर कहा गया है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज लोग अपने आस-पास की मस्जिदों में अदा करें। जिससे जामा मस्जिद में अधिक भीड़-भाड़ ना हो। इसके अलावा सपा नेता इमरान मसूद, बसपा सांसद हाजी फजुर्रहमान भी लोगों से जुमे की नमाज शांतिपूर्वक अदा करने की अपील कर चुके हैं।
बता दें कि 10 जून के जुमे की नमाज के बाद निकाले गए जुलूस में असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की गई थी। साथ ही दुकानों में भी लूट-पाट की कोशिश की गई थी। हालांकि असामाजिक तत्वों के इन मंसूबों को पुलिस प्रशासन ने नाकाम कर दिया था। पुलिस ने उपद्रव करने वाले 84 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही करीब 100 लोगों की संपत्ति को चिन्हित कर लिया गया है।