- कागजों में बनी मॉनिटीरिंग कमेटी दिन और रात में नही हो रहा कोई निरीक्षण
- इंड्रस्टीज मानकों की जा रही है अनदेखी
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: प्रदूषण नियंत्रण में रखने के लिए एनजीटी द्वारा ग्रैप सिस्टम लागू किया गया था, लेकिन एनजीटी के इन आदेशों को प्रदूषण विभाग के अधिकारी ही हवा में उड़ा रहे हैं। मेरठ के प्रदूषण अधिकारी एनजीटी के आदेशों को खुलेआम हवा में उडाते हुए नजर आ रहे हैं।
क्योंकि प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए एनजीटी और उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड द्वारा इंड्रस्टीज में थोड़ी भी कमी पाए जाने पर तुरंत बंद करने या फिर भारी जुर्माना लगाने के आदेश है, लेकिन प्रदूषण अधिकारी साठगांठ करके ऐसी इंड्रस्टीज को ख्ुालेआम मोहल्लत दे रहे हैं। जिसके चलते ऐसी इंड्रस्टीज प्रदूषण को बढ़ाने में लगी हुई है।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए पल्लवपुरम में विभाग द्वारा ईक्यूमेंट लगा रखे हैं, लेकिन उसके बाद भी पल्लवपुरम में अत्यधिक प्रदूषण बढ़ा हुआ है। अवैध रूप से चौराहों पर पॉलीथिन लगातार जलने के कारण भी प्रदूषण के बढ़ने में इजाफा हो रहा है। प्रदूषण को रोकने के लिए प्रत्येक दिन टीम द्वारा दिन और रात में निरीक्षण किया जाना चाहिए, लेकिन यह निरीक्षण सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है।
प्रदूषण अधिकारी विजय कुमार द्वारा जब से प्रदूषण अधिकारी के पद पर ज्वाइन किया है, तब से मेरठ के प्रदूषण में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। मेरठ और बागपत में एक दर्जन से अधिक इंड्रस्टीज है। इन इंड्रस्टीज में प्रदूषण अधिकारी की साठगांठ से प्रदूषण को बढ़ाया जा रहा है। क्योंकि इनके खिलाफ विभाग द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
क्योंकि प्रदूषण को रोकने में जब प्रदूषण विभाग की भूमिका ही संदिग्ध है तो ऐसे में कैसे प्रदूषण रुकेगा? एनजीटी द्वारा ग्रैप सिस्टम इसलिए लागू किया गया था। जिससे प्रदूषण रुक सके। इस सिस्टम में 32 विभागों को शामिल किया गया था, लेकिन यह विभाग तो तब काम करेंगे। जब प्रदूषण विभाग ईमानदारी के साथ काम करें, लेकिन जब प्रदूषण विभाग के अधिकारी ही सांठगाठ कर रहे हैं तो ऐसे में आखिर कैसे प्रदूषण की रोकथाम होगी।
प्रदूषण अधिकारी विजय कुमार की भूमिका संदिग्ध के घेरे में
प्रदूषण अधिकारी विजय कुमार की भूमिका प्रत्येक मामले में संदिग्ध पाई जा रही है। वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गए हैं। क्योंकि प्रदूषण के साथ-साथ कारखानों, गन्ने के कोल्हू, क्रेशर, हॉट मिक्स प्लांट और इंड्रस्टीज से बढ़ रहे प्रदूषण को रोेकने में वह पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। जिसके चलते प्रदूषण अधिकारी के खिलाफ अब तक कई गंभीर शिकायते मुख्यमंत्री और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन तक जा चुकी है।
मौसम में बदलाव, कोहरे और पाले के साथ बढ़ेगी ठंड
दिसंबर के महीने में मौसम में बदलाव नजर आ रहा है। सुबह और शाम के समय ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। जबकि दिन में अभी ठंड से निजात है। सुबह के समय पाले का असर साफ नजर आ रहा है। जिससे सुबह के समय ठिठुरन बढ़ रही है। ऐसे में मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव होगा और कोहरे एवं पाल्ो के साथ ठंड बढ़ेगी। उधर, मेरठ में फिलहाल हवाओं के चलने से प्रदूषण से राहत मिली है।
राजकीय मौसम वैधशाला पर सोमवार को दिन का अधिकतम तामपान 26.6 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 81 एवं न्यूनतम आर्द्रता 29 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा का रुख सुबह चार और शाम को छह किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दर्ज किया गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है।
जिसके चलते उतार-चढ़ाव का दौर है। कोहरे और पाले के साथ ठंड बढ़ेगी। उधर, प्रदूषण में सोमवार को हवाएं चलने के कारण कमी आई है। मेरठ में प्रदूषण का स्तर 116 मुजफ्फरनगर में 178 एवं बागपत में 194 रहा है। जबकि गंगानगर में 80, पल्लवपुरम में 136 और जयभीमनगर में 97 रहा है।