Tuesday, December 3, 2024
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नदियों में घरेलू अपशिष्ट और फैक्ट्रियों के प्रदूषण को रोका जाए: डीएम

जनवाणी ब्यूरो |

बलरामपुर: जिलाधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जिला वेटलैण्ड समिति एवं जिला गंगा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में वेटलैण्ड(प्रबन्धन एवं संरक्षण) नियम 2017 के प्राविधानों के तहत विद्यमान वेटलैण्डो को चिन्हांकित कर उन्हें संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में तीन वेटलैण्ड्स के ब्रीफ डाॅक्यूमेन्टस निरुपित किये जाने पर चर्चा की गयी।

इस दौरान प्रभागीय वनाधिकारी डाॅ0 सेम्मारन एम0 द्वारा बताया गया कि पूर्व में वेटलैण्ड्स को संरक्षित करने के उद्देश्य से उ0प्र0 शासन द्वारा वर्ष 2009 में जिला वेटलैण्ड समिति का गठन प्रदेश के समस्त जिलों में किया गया तथा समिति के दायित्व निर्धारित किये गये।

जनपद बलरामपुर में पूर्व में 22 वेटलैण्ड्स के संरक्षण प्रस्ताव हेतु ब्रीफ डाॅक्यूमेन्ट तैयार कर भेजा गया था। वर्तमान में राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण के द्वारा निर्देश दिये गये है जिनमें 2.25 हे0 से बड़े वेटलैण्ड के संरक्षण तैयार कर ब्रीफ डाॅक्यूमेन्ट सहित भेजा जाना है।

इसके अनुपालन में वन विभाग, बलरामपुर द्वारा वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आॅफ इण्डिया के सहयोग से जनपद बलरामपुर में तीन वेटलैण्ड्स का ब्रीफ डाॅक्यूमेन्ट तैयार कराया गया है जिसमें चन्दा वेटलैण्ड, ग्राम फत्तेजोत व तहसील बलरामपुर, ओजहवा वेटलैण्ड ग्रा0 महादेव हरिहर नगर तुलसीपुर, भुइला वेटलैण्ड ग्रा0 रानीजोत, तुलसीपुर।

इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रस्ताव का मुख्य विकास अधिकारी से परीक्षण कराकर राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण को भेज दिया जाए। जनपद बलरामपुर में गंगा की सहायक नदी राप्ती नदी, बूढ़ी राप्ती एवं कुआनों नदी के संरक्षण एवं संवर्द्धन पर चर्चा की गयी।

जिसमें जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि नदी के तट पर बसे ग्रामों द्वारा नदी में प्रदूषण न किया जाए। तट की साफ-सफाई नियमित रूप से कराई जाए। तट को अतिक्रमण मुक्त रखा जाए। तटीय क्षेत्रों में खनन पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाया जाए।

नदियों में खनन पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाया जाए। नदियों में शिकार मुख्यतः कछुआ, मछली आदि पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाया जाए। नदियों में घरेलू अपशिष्ट तथा फैक्ट्रियों द्वारा बहाये जा रहे प्रदूषण को रोका जाए । सम्बन्धित अधिकारी कार्यवाही करते हुये एक एक्शन प्लान तैयार करें जिससे नदियों का संरक्षण एवं संवर्द्धन किया जा सके।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी संजीव कुमार, जिला कृषि अधिकारी आर0पी0 राणा, प्रभागीय वनाधिकारी डाॅ0 सेम्मारन एम0, मत्स्य अधिकारी व अन्य जनपदीय अधिकारी मौजूद थे।

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