Saturday, July 27, 2024
- Advertisement -
HomePoliticsधर्मनगरी हरिद्वार में दिलचस्प मुकाबले के आसार

धर्मनगरी हरिद्वार में दिलचस्प मुकाबले के आसार

- Advertisement -
  • हरीश के रोड शो में कई कांग्रेसियों ने बनाए रखी दूरी
  • रुड़की के पूर्व चेयरमैन ने कांग्रेस से छुड़ा लिया अपना हाथ

स्टेट ब्यूरो |

देहरादून: हरिद्वार सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आखिरकार अपने चश्म-ओ-चराग वीरेंद्र रावत को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारने में कामयाब हो गए। हालांकि, इस सीट पर पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और वीरेंद्र रावत के सगे मामा करन माहरा भी हाथ आजमाना चाह रहे थे। सितम ये कि ऐसा हुआ नहीं। उधर, भाजपा ने तीन साल तक वनवास काट चुके पूर्व सीए्म त्रिवेंद्र सिंह रावत को मैदान में उतार दिया है। सियासी पंडितों का कहना है कि मुकाबला इन्हीं दो दलों में होना है। वैसे तो खानपुर विधायक उमेश शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर परचा भर दिया है। भावना पांडेय बसपा से इस्तीफी देकर भाजपा के पाले में आ गई हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि चुनावी जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुंचे बिना नहीं रहेगी।

यह बता दें कि सन 2014 और 2019 में भी भाजपा ने इस छोटे से पर्वतीय राज्य की पांचों सीटों पर कब्जा किया। लगातार दो बार डाक्टर रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार सीट को फतह करते रहे। अतीत में जाएं तो इस सीट पर सबसे अधिक तीन बार जीत का रिकार्ड भाजपा के हरपाल साथी के नाम रहा। सन 2009 में कांग्रेस से हरीश रावत ने जरूर इस सीट पर विजय पाई। लेकिन, इसके पहले 2004 के लोस चुनाव में राजेंद्र बाड़ी समाजवादी पार्टी के टिकट पर विजयी रहे थे। फिलहाल, कांग्रेस में सिर मुंडाते ही ओले पड़ने लग गए हैं।

रुड़की के पूर्व चेयरमैन दिनेश कौशिक ने कांग्रेस से हाथ छुड़ा लिया है और खुल्लमखु्ल्ला हरीश रावत पर आगबबूला हैं। यह कहकर कि हरीश रावत ने पूर्व में अपनी पत्नी को भी टिकट दिलाया। बेटी अनुपरमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ाकर विधायक बनवाया। और अब बेटे वीरेंद्र सिंह रावत को लोकसभा का टिकट जिद करके दिला दिया है। कौशिक ने कहा है कि इससे साफ है कि हरीश रावत पार्टी नहीं परिवार की सोचते हैं। वहीं कांग्रेस का एक गुट हरीश रावत और वीरेंद्र रावत के रोड शो से दूरी बनाए रखते हुए यह संकेत दे दिया है कि पार्टी में भितरघात को कोई नहीं रोक सकता।

उधर, सांगठनिक तौर पर मजबूत भाजपा ने गांव-गांव तक किलेबंदी तेज कर दी है। चूंकि हरिद्वार सीट पर जातीय समीकरणों को साधा जाना लाजिमी है, लिहाजा हर वर्ग यहां तक कि मुसलमानों के वोट को भी लेकर भाजपा संजीदा है। भाजपा प्रत्याशी त्रिव ेंद्र सिंह रावत के राजनीतिक सलाहकार ठाकुर नरेंद्र सिंह का दावा है कि भाजपा राज्य की पाचों सीटों पर फतह करेगी। हरिद्वार पर त्रिवेंद्र सिंह रावत की बंपर जीत होगी। खरै, यह तो वक्त बताएगा लेकिन, चुनावी जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुंच रही है। कांग्रेस के लिए यहां और इस सीट पर राहें बड़ी रपटीली नजर आती हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments