- जांच से पकड़ में आ जाती हैं गंभीर बीमारियां, समय पर मिल जाता है उचित इलाज
जनवाणी संवाददाता
सहारनपुर: जनपद में 16 फरवरी तक गर्भावस्था जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें प्रसव पूर्व जांच के लिए महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। उनकी भ्रांतियां दूर कराई जा रही हैं। महिला रोग विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था की जटिलताएं रोकने के लिए प्रसव पूर्व जांच होना जरूरी है।
जिला महिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. ममता सोढ़ी का कहना है- जागरूकता सप्ताह के दौरान सभी सामुदायिक- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी व पीएचसी) पर जांच के लिए आने वाली महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वह समय-समय पर जांच कराती रहें।
प्रसव पूर्व जांच से कई बार गंभीर बीमारियां पकड़ में आ जाती हैं। साथ ही सुरक्षित प्रसव कराना भी मुमकिन हो पाता है। उन्होंने बताया गर्भवती के लिए प्रसव पूर्व जांच कराना अनिवार्य है। आशा कार्यकतार्ओं को भी इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि वह सभी गर्भवती को चिह्नित कर उनका पंजीकरण कराएं। पंजीकरण के बाद उनकी जांच की जाती है।
जांच में कई महिलाएं ऐसी मिलती हैं जिनमें खून की कमी होती है। समय से जांच में खून की कमी की पुष्टि होने पर प्रसव से पहले उपचार कर लिया जाता है। समय से जांच कराने से जच्चा बच्चा की जान का जोखिम कम हो जाता है।
इन दिवसों पर होती है जांच
सभी सीएचसी व पीएचसी पर प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध है। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस, प्रत्येक माह की नौ तारीख को होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में जांच नि:शुल्क होती है।
गर्भावस्था में न होने दें विटामिन और मिनरल्स की कमी
डा. ममता सोढ़ी ने बताया सही पोषण बच्चे के विकास और मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए , क्योंकि सही पोषण बच्चे के विकास और मां के स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान उनके पोषण में विटामिन और मिनरल्स की कमी न हो। गर्भावस्था में नौ महीने का समय ऐसा होता है, जब शरीर के लिए पोषक तत्वों की मांग काफी बढ़ जाती है, क्योंकि मां को खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी पोषण करना पड़ता है। ऐसे में शरीर में विटामिन सी की कमी न होने दें। मौसमी फल, आंवला, नींबू और अमरूद का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
इससे खून की कमी नहीं होगी और जरूरी पोषक तत्व भी मिलते रहेंगे। इसके अलावा नौ महीने तक होने वाले रूटीन चेकअप को नजरअंदाज न करें, यह नियमित परीक्षण गर्भवती और सेहतमंद बच्चे के लिए बहुत जरूरी है।