- अवैध निर्माणकर्ताओं का दुस्साहस, रोहटा रोड पर हो गया अवैध दुकानों का निर्माण
- एमडीए अधिकारियों ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रोहटा रोड पर जिन अवैध दुकानों के निर्माण को लेकर एमडीए ने नोटिस भेजे थे, अब निर्माणकर्ता का दुस्साहस तो देखिये कि प्रथम मंजिल पर भी लिंटर डालने की तैयारी चल रही हैं। दीवार खड़ी कर दी गई हैं। लिंटर डालने के लिए तमाम प्रक्रिया की जा रही हैं। इसमें एमडीए ने नोटिस भेजकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था, लेकिन वर्तमान में अवैध निर्माण करने से निर्माणकर्ता बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा तब है, जब ग्रीन बेल्ट पर लगातार कार्रवाई हो रही हैं।
ध्वस्तीकरण अभियान भी चल रहा हैं, लेकिन निर्माणकर्ता अवैध निर्माण करने से कतई नहीं घबरा रहे हैं। ऐसा ही ये रोहटा रोड का मामला हैं। रोहटा रोड बाइपास से 400 मीटर चलने पर ही बाये हाथ पर ग्राउंड फ्लोर पर 10 दुकानों का अवैध निर्माण कर दिया गया है। यहां पर कोई पार्किंग नहीं हैं। रोड वाइडिंग में दुकानों का निर्माण कर दिया गया है। ऐसे में इसका मानचित्र तो स्वीकृत हो ही नहीं सकता, लेकिन एमडीए के इंजीनियर इस अवैध निर्माणकर्ता पर खास मेहरबान हैं, जिसके बाद ही निर्माणकर्ता एक के बाद एक अवैध निर्माण करता जा रहा हैं।
ग्राउंड फ्लोर पर 10 दुकानें बन चुकी हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं। मार्केट बनाने से पहले पार्किंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन यहां तो रोड वाइडिंग में ही दुकानें बना दी हैं। इसको एमडीए इंजीनियर भी नहीं रोक पा रहे हैं। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह और प्राधिकरण उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी की तमाम शक्ति के बाद ही निर्माणकर्ता दुस्साहसिक ढंग से निर्माण किये जा रहा हैं।
इंजीनियरों ने भी इसमें कुछ नहीं किया। इसका मानचित्र स्वीकृत नहीं हो सकता। भ्रमित करने के लिए एमडीए में मानचित्र डाला हैं, जो अधिकारियों को भ्रमित करने के लिए किया जा रहा हैं। ताकि इसमें एमडीए इंजीनियरों की तरफ से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोका जा सके।
इंजीनियर मौन…बनती गई बिल्डिंग
जैन शिकंजी समेत तमाम होटल/रेस्टोरेंट ग्रीन बेल्ट में बने हुए हैं। आखिर एमडीए के इंजीनियर इन पर क्यों मेहरबान हैं? इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं? आखिर ग्रीन बेल्ट में अभियान जोन-सी से अब जोन-बी में जाने वाला हैं, लेकिन सी में बने बड़े-बड़े अवैध निर्माणों पर कार्रवाई से इंजीनियर क्यों बच रहे हैं? आखिर माजरा क्या हैं?
कमिश्नर और एमडीए वीसी सख्त हैं, फिर इंजीनियर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। हालांकि प्राधिकरण उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी ने एक पत्र जोन सी के इंजीनियरों के लिए जारी किया हैं, जिसमें स्पष्ट किया है कि जोन-सी में व्यापक स्तर पर ग्रीन बेल्ट में निर्माण हैं, जिनको गिराया क्यों नहीं जा रहा हैं? इसमें इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने धमकी दी हैं, लेकिन इन धमकी का असर इंजीनियरों पर नहीं हो रहा हैं।
यही वजह है कि बिग बाइट के सामने एक होटल बनकर तैयार हो गया। इससे ठीक आगे चलेंगे तो जैन शिकंजी रेस्टोरेंट बनकर तैयार हो गया। वेदव्यासपुरी से ठीक पहले सर्विस रोड पर दर्जन भर होटलों का निर्माण चल रहा हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। आखिर क्यों? इसमें इंजीनियर क्यों घबरा रहे हैं।
बताया गया यहां पर पहले बस स्टैंड प्लान किया गया था, जिसमें अवैध निर्माण हो गए हैं। ये कैसे बन गए? इसको लेकर इंजीनियर मौन हैं तथा उनके मौन में भ्रष्टाचार छुपा दिखाई दे रहा हैं। यही वजह है कि इसमें कार्रवाई के नाम पर इंजीनियर कन्नी काट रहे हैं।
ओयो होटल में ध्वस्तीकरण से पहले चलता मिला जिस्म फिरोशी का धंधा
बुधवार को जब बागपत बाइपास पर एक ओयो होटल पर बुलडोजर चलाने के लिए इंजीनियरों की टीम पहुंची तो इस ओयो होटल में जिस्म फिरोशी का धंधा चल रहा था। बुलडोजर चलाने से पहले लोगों को ओयो होटल से बाहर किया तो आठ युवती और दस युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इन सभी को जानी पुलिस कस्टडी में लेकर थाने ले गई। ये कौन थे? यहां पर क्या कर रहे थे? पूरा दिन चर्चा का विषय बना रहा। इनके खिलाफ जानी पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की? यह भी चर्चा में हैं। बागपत बाइपास से एमआईईटी की तरफ सर्विस रोड पर चलते ही बाएं हाथ पर एक ओयो होटल चल रहा था। यह ओयो होटल ग्रीन बेल्ट में बना हुआ हैं।
पुलिस कर्मियों ने बुलडोजर चलाने से ठीक पहले होटल में मौजूद लोगों को होटल खाली करने के लिए कहा तो हड़कंप मच गया। चर्चा तो यह भी है कि महिलाएं अर्द्धनग्न अवस्था में ही पुलिस ने पकड़ी। जिनको बाद में पुलिस जीप में बैठाकर ले गई। ओयो होटल मालिक को भी पुलिस ने कस्टडी में लिया था, लेकिन बुधवार की रात में ही इनको छोड़ दिया गया। दिन में ही यहां पर धंधा चल रहा था।
ये एक दिन से नहीं, बल्कि पुलिस के संरक्षण में सब चल रहा हैं, जिसको नहीं रोका जा रहा हैं। यही नहीं, जितने भी ओयो होटल है, उनमें जिस्म फिरोशी का धंघा व्यापक स्तर पर चल रहा हैं। इनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं। इसमें खाकी की छवि भी धूमिल हो रही हैं। इसमें पुलिस को सख्ती करनी होगी, तभी ओयो होटलों में जिस्म फिरोशी का धंधा बंद हो सकेगा।