Wednesday, June 26, 2024
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महाशिवरात्रि: जलाभिषेक आज, तैयारी पूरी

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  • रोशनी में नहाया बाबा औघड़नाथ मंदिर, महापर्व पर होंगी महादेव की पांच विशेष आरतियां

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शहर के शिवालयों को एक दिन पहले ही सजाया गया। कैंट स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर भी बुधवार को रोशनी में नहाया नजर आया। वहीं, लगभग सभी शिवालयों में तैयारियों एक दिन पहले ही पूरी कर ली गई हैं। आज शिवभक्तों द्वारा भारी संख्या में जलाभिषेक किया जाएगा।

कैंट स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर, मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर महादेव मंदिर, सदर बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर समेत सभी शिवालयों में साज सज्जा कर दी गई है। महादेव के महापर्व पर बाबा औघड़नाथ मंदिर शिवभक्तों की आस्था केंद्र रहता है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों और मंदिर समिति की बैठकों का दौर भी पूर्ण हो चुका है।

अधिकारियों द्वारा भी मंदिर का निरीक्षण पहले ही किया जा चुका है। मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग और बिजली की व्यवस्था कर ली गई है। वहीं, मंदिर को भव्य फूलों और लाइटों से भी सजाया गया है। मंदिर परिसर में एलईडी लाइटों से सज्जा की गई है।

उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवभक्तों को कोई परेशानी हो इसके लिए गरुड़ द्वार से प्रवेश होगा, जहां पर जल की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे और अतिरिक्त गार्ड्स भी तैनात किए गए हैं।

सुबह चार बजे हुई महादेव की आरती
09 13बाबा औघड़नाथ महादेव मंदिर में सर्वप्रथम सुबह चार शिव-पार्वती की विशेष आरती हुई। इसके पश्चात महादेव का जलाभिषेक शुरु होगा और शिवभक्तों को दर्शन भोले बाबा के दर्शन होंगे। मंदिर में विशेष रुप से पांच आरतियां की जाएंगी। पहली आरती सुबह चार बजे, दूसरी शाम 6.30 बजे, तीसरी रात 11 बजे होगी, चौथी रात एक बजे और पांचवी आरती रात्रि तीन बजे होगी। उधर, पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि शिवरात्रि बोधोत्सव है। ऐसा महोत्सव, जिसमें अपना बोध होता है कि हम भी शिव का अंश हैं, उनके संरक्षण में हैं। माना जाता है कि सृष्टि की शुरूआत में इसी दिन आधी रात में भगवान शिव का निराकार से साकार रूप में (ब्रह्म से रुद्र के रूप में) अवतरण हुआ था।

कैंट बोर्ड की ओर से तैनात रहेंगे 30 कर्मचारी

महाशिवरात्रि के चलते कैंट बोर्ड की ओर से भी व्यवस्था कर दी गई है। मंदिर के आसपास लाइटिंग, सफाई और पानी की व्यवस्था कैंट बोर्ड के जिम्मे है जिसे लेकर बोर्ड की ओर से कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। कैंट क्षेत्र में स्थित औघड़नाथ मंदिर में इस महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में शिवभक्त जलाभिषेक करते हैं।

श्रद्धालुओं की भीड़ आज सुबह से ही लगनी शुरू हो जाएगी। जब सुबह से शुरू होगा। जिसे लेकर कैंट बोर्ड की ओर से भी पूरी तैयारी कर ली गई है। कैंट बोर्ड के सफाई कर अधीक्षक वीके त्यागी ने बताया कि बोर्ड की ओर से लाइटिंग की व्यवस्था पूरी तरह से कर दी गई है। मंदिर के आस-पास सफाई आदि के लिये 30 से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है जो क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखेंगे।

कर्मचारी दो शिफ्ट में कार्य करेंगे। पहली शिफ्ट सुबह 6 से 2 बजे तक और दूसरी शिफ्ट में 2 से 6 बजे तक कार्य करेंगे। मंदिर परिसर के आसपास पानी के टैंकर की व्यवस्था कर दी गई है। गंदगी न फैले इसके लिये भी डस्टबिन रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर आने वाले शिवभक्तों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग

पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि पर 12 बजकर 8 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा अभिजीत मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर प्रात: एवं रात्रि में चार पहर की शिव पूजा का होता है विशेष महत्व

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। इसलिए इस दिन उनके विवाह का उत्सव मनाया जाता है। शिवरात्रि का व्रत पापों का शमन करने वाला होता है। बता दें कि महाशिवरात्रि फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस वर्ष यह त्योहार आज विशेष संयोग में मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया कि शिवरात्रि 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरु होकर 12 मार्च को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। 11 मार्च सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक शिव योग रहेगा उसके बाद सिद्ध योग बन जाएगा। ज्योतिषों के अनुसार शिवरात्रि अगर गुरुवार को पड़े तो अत्यंत शुभ माना जाता है।

महाशिवरात्रि के दिन उपवास का भी बड़ा महत्व है। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है। उपवास करने के लिए एक दिन पहले से तैयारी कर लेना चाहिए। व्रत के दिन फलाहार लिया जा सकता है।

पूजन विधि

इस दिन प्रातकाल स्नान आदि कर उपवास रखना चाहिए। उसके बाद शिवलिंग पर दूध, बिल्वपत्र, शहद, पंचामृत आदि अर्पित करें भोलेनाथ की अराधना करें। जागरण कर शिव स्तुति का पाठ भी करना चाहिए।

राशि के अनुसार करें भगवान आशुतोष की आराधना

मेष: शिव की पूजा करने के बाद ओम नम: शिवाय इस मंत्र का 108 बार जाप करे। शहद, गुड़, गन्ने का रस, लाल पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाए।

वृष: इस राशि के व्यक्ति मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और कच्चे दूध, दही और श्वेत पुष्प चढ़ाएं।

मिथुन: महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए ओम नमो भगवते रुद्राय मंत्र का यथा संभव जाप करें हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र आदि चढ़ाए।

कर्क: शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए ओम हौं जूं स: मंत्र का जितना संभव हो जाप करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बेलपत्र आदि चढ़ाएं।

सिंह: ओम त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम, उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात। इस मंत्र का कम से कम 51 बार जप करें। इसके साथ ही ज्योर्तिलिंग पर शहद, गुड़, शुद्ध घी, लाल पुष्प आदि चढ़ाएं।

कन्या: ओम नमो भगवते रुद्राय मंत्र का यथासंभव जाप करें। हरे फलों का रस, बिल्वपत्र, मूंग, हरे व नीले पुष्प चढ़ाएं।

तुला: शिव पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का 108 बार जाप करें और दूध, दही, घी, मक्खन, मिश्री चढ़ाएं।

वृश्चिक: ह्रीं ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करें और शिवलिंग पर बेलपत्र, लाल पुष्प अर्पित करे।

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