- परिवहन विभाग के अधिकारियों की टीम तैयारी पूर्ण होने के बाद करेगी दौरा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में भी अब गाजियाबाद की तर्ज पर वाहनों की फिटनेस का कार्य प्राइवेट सेक्टर को दे दिया गया है। प्रदेश के ट्रांसपोर्ट आयुक्त ने इस पर फाइनल मुहर लगा दी है। फिलहाल एक प्राइवेट कंपनी को वाहनों की फिटनेस करने के लिए हरी झंडी दी है, लेकिन इससे पहले कंपनी को कहा गया है कि मेरठ में वह अपनी तैयारी करें। परिवहन विभाग के अधिकारियों की टीम तैयारी पूर्ण होने के बाद दौरा करेगी।
समुचित व्यवस्था पूर्ण मिलने के बाद ही वाहनों की फिटनेस के लिए वहां पर अनुमति दी जाएगी। जो भी मानक है, उनको पूरा करने के लिए प्राइवेट कंपनी के कहा गया हैं। जिन वाहनों की फिटनेस अब तक आरटीओ आॅफिस में होती थी, आने वाले एक या दो माह के भीतर उन वाहनों की फिटनेस प्राइवेट सेंटर पर हुआ करेगी। फिटनेस का प्रमाण पत्र अब प्राइवेट कंपनी देगी। इसमें आरटीओ आॅफिस का किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं रहेगा।
दरअसल, मेरठ में तीन कंपनियों ने वाहनों की फिटनेस के लिए आवेदन किया था। जिनमें से फिलहाल एक प्राइवेट कंपनी को प्रदेश के ट्रांसपोर्ट आयुक्त ने स्वीकृति दे दी है। लखनऊ मुख्यालय से इसकी सूचन आरटीओ आॅफिस में भी आ गई हैं। जो दो अन्य कंपनियां है, वो फिलहाल वेटिंग में है। कहा जा रहा है कि मेरठ में तीन कंपनियों को वाहनों की फिटनेस की स्वीकृति दी जाएगी। तीन सेंटरों पर प्राइवेट वाहनों की फिटनेस का कार्य हुआ करेगा।
ठीक ऐसे ही गाजियाबाद में कार्य चल रहा हैं। इनके पास अपनी पूरा टीम रहेगी, जिसमें इंजीनियर भी शामिल होंगे। ये कंपनी दिये गए तमाम मानकों को पूरा करेगी। यदि मानक पूरे नहीं किये तो लाइसेंस भी रिजेक्ट किया जा सकता हैं।
आरटीओ आॅफिस से भी एक प्राइवेट कंपनी को फिटनेस की स्वीकृति मिलने की पुष्टि की हैं।
कृषि विवि की जमीन पर किया अवैध निर्माण
कंकरखेड़ा: दांतल गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भूमि है। जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। वहीं कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध निर्माण भी कर दिया है। बुधवार को कुलसचिव ने थाने पर तहरीर देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आरोपियों ने कोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना करते हुए निर्माण कर दिया है। पुलिस तहरीर के आधार पर मामले की जांच में जुट गई है।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. रामजी सिंह ने बताया कि हाईवे स्थित दांतल गांव में कुछ जमीन खाली पड़ी हुई है। जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। जिसको लेकर पूर्व में भी शिकायत की गई थी। बावजूद इसके असामाजिक तत्व अपनी हरकतों से बात नहीं आ रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामला कोर्ट में डाल दिया था। इसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
दो दिन पूर्व कृषि विश्वविद्यालय की टीम दांतल गांव में पहुंची। जहां उन्होंने देखा कि है कि कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निर्माण कार्य कर रखा है। आरोपियों ने कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना की। जिसको लेकर विवि की टीम ने विरोध किया। बुधवार को पूर्व कुलसचिव सहित कई प्रोफेसर कंकरखेड़ा थाने पहुंचे।
जहां उन्होंने सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई। थाना प्रभारी विष्णु कौशिक का कहना है की तहरीर मिल गई है। पुलिस ने मौके पर जाकर मामले की जांच की। जांच के बाद रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी जाएगी।