जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा के दौरान पुरी में हुई भगदड़ की दुखद घटना के बाद ओडिशा सरकार ने तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हुए पुरी के जिला कलेक्टर और एसपी को पद से हटा दिया है, जबकि दो अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
लापरवाही पर सख्त एक्शन
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हादसे को लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कठोर रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया जाए। डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
नई जिम्मेदारियां?
चंचल राणा को पुरी का नया जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया है।
पिनाक मिश्रा को नया पुलिस अधीक्षक (SP) बनाया गया है।
हादसे की जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने इस मामले की विस्तृत प्रशासनिक जांच के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। जांच का उद्देश्य भगदड़ की असल वजह, सुरक्षा चूक और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका स्पष्ट करना है।
25 लाख की सहायता और मुख्यमंत्री की क्षमा याचना
सीएम मोहन माझी ने हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजनों को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से भावुक क्षमा मांगते हुए कहा “मैं और मेरी सरकार महाप्रभु जगन्नाथ के सभी भक्तों से क्षमा याचना करते हैं। जो श्रद्धालु इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे, उनके परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दें।”
हादसे का विवरण
यह भगदड़ रविवार तड़के करीब 4 बजे गुंडिचा मंदिर के पास उस समय हुई जब रथ यात्रा देखने के लिए हजारों श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे। हादसा तब हुआ जब दो ट्रक अनुष्ठान सामग्री लेकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों के पास भीड़ में घुस गए, जिससे अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई।
हादसे में 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई
बसंती साहू (बोलागढ़)
प्रेमकांत मोहंती (बालीपटना)
प्रवती दास (बालीपटना)
50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से 6 की हालत गंभीर बनी हुई है।