जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज शाम दिल्ली स्थित निवास पर तेलंगाना के पार्टी नेताओं से मुलाकात करेंगे। एक सप्ताह में उनकी यह दूसरी बार तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात होगी। इसमें राज्य की राजनीतिक स्थिति के अलावा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव, धान खरीदी व अन्य मसलों पर बात होगी।
यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब राज्य के सीएम के. चंद्रशेखर राव (KCR) 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय स्तर पर गैर भाजपाई, गैर कांग्रेसी गठबंधन बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनााव में कांग्रेस ने तेलुगुदेसम के साथ गठबंधन किया था। हालांकि यह गठबंधन तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के प्रमुख केसीआर को पुन: सत्ता में आने से रोक नहीं सका था।
इससे पहले पिछले माह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवनाथ रेड्डी ने आगामी चुनाव में सीएम के. चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस के साथ किसी गठबंधन की संभावना से साफ इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी राज्य में गठबंधन करेगी, मगर सीएम केसीआर विश्वसनीय नहीं हैं, इसलिए उनकी पार्टी से किसी कीमत पर गठबंधन नहीं किया जाएगा। रेड्डी ने यह भी कहा कि हम चंद्रशेखर राव को 2004, 2009, 2014 और 2019 में देख चुके हैं। हम किसी भी अन्य नेता पर विश्वास कर सकते हैं, लेकिन केसीआर और टीआरएस पर कतई नहीं।
आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना बनाया गया है। तेलंगाना विधानसभा के पहले चुनाव 2014 में हुए थे। टीआरएस ने बहुमत के साथ पहली सरकार बनाई थी। तब से वह सत्ता में है और केसीआर दूसरी बार सीएम बने हैं। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में टीआरएस फिर सत्ता में लौटी थी। अभी 119 सदस्यीय विधानसभा में टीआरएस के 103, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के 7, कांग्रेस के 6, भाजपा के 3 व 16 अन्य दलों के विधायक हैं। आगामी चुनाव दिसंबर 2023 में होंगे।