जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने सैय्यद जफर इस्लाम को अपना उम्मीदवार बनाया है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की इस सीट पर 11 सितंबर को उपचुनाव होना है। अमर सिंह का किडनी संबंधी बीमारी के कारण सिंगापुर के एक अस्पताल में एक अगस्त को निधन हो गया था।
जफर इस्लाम मीडिया के लिए जाना पहचाना चेहरा हैं। टीवी चैनलों पर डिबेट में वह हर रोज बीजेपी का बचाव करते हैं। राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम करते थे और लाखों रुपये का वेतन पाते थे। मोदी की राजनीति से प्रभावित होकर जफर इस्लाम ने बीजेपी से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जफर इस्लाम के अच्छे ताल्लुकात हैं। शायद यही वजह है कि मृदुभाषी और बेहद शालीन व्यक्तित्व के धनी जफर इस्लाम को बीजेपी हाईकमान ने मध्य प्रदेश में ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाने की जिम्मेदारी दी थी।
जफर इस्लाम को मिला इनाम
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में लाने में इस्लाम की प्रमुख भूमिका थी।
सिंधिया को बीजेपी तक लाने और फिर गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने वाले कोई और नहीं, बल्कि बीजेपी प्रवक्ता जफर इस्लाम हैं। अब इस्लाम को बीजेपी ने यूपी राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर इसी मेहनत का फल दिया है।
जफर कांग्रेस के बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहले से जानते रहे हैं। सिंधिया जब कभी दिल्ली में रहते थे, तो उनसे जफर की मुलाकात अक्सर हो जाया करती थी, लेकिन जफर कई महीनों से ज्योतिरादित्य को बीजेपी में लाने के सिलसिले में उनसे मिल रहे थे। इसके बाद ज्योतिरादित्य को बीजेपी में लाने की कवायद और मध्य प्रदेश में ‘ऑपरेशन लोटस’ की पटकथा लिखी गई।
इस पूरे ऑपरेशन में बीजेपी की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य सहायता दी गई। पूरा ऑपरेशन ज्योतिरदित्य के मुताबिक ही चला। सिंधिया की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के वक्त भी जफर 7, लोक कल्याण मार्ग पर मौजूद थे। जब गृहमंत्री अमित शाह सिंधिया को लेकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे तो उस समय भी जफर इस्लाम गृहमंत्री अमित शाह की गाड़ी में मौजूद थे।