Saturday, April 20, 2024
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रैपिड: दक्षिण कोरिया की तर्ज पर ‘वर्चुअल स्टोर’ पर मंथन

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  • यात्री किराए पर ही निर्भर नहीं रहेगी रैपिड, अन्य उपायों पर भी विचार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: रैपिड रेल घाटे में न रहे इसके लिए अभी से ही कसरत शुरू कर दी गई है। एनसीआरटीसी यात्री किराए के अलावा आय के ऐसे अन्य स्रोत्रों पर भी विचार कर रहा है, जिससे आमदनी में और बढ़ोतरी हो। इसके अन्तर्गत बाकायदा दिल्ली मेरठ रैपिड कॉरिडोर पर ब्रांडिंग और विज्ञापन के अवसर तलाशने के लिए मंथन किया।

17 किलोमीटर लम्बे प्राथमिक खंड पर रैपिड का सुचारु संचालन शीघ्र शुरू होने जा रहा है। एनसीआरटीसी केवल यात्री किराए पर निर्भरता से जुड़ी परिचालन संबधी चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न बिन्दुओं पर फोकस कर रहा है। इसके लिए नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

इन विकल्पों में पैनल एडवरटाइजिंग से लेकर एक्सपीरियनशियल एडवरटाइजिंग, रिटेल दुकानें, सेमी नेमिंग राइट्स, रियल एस्टेट डेवेलपमेंट, परामर्श से लेकर अन्य समान स्रोत्रों से उत्पन्न आय शामिल हैं। एनसीआरटीसी इस साझेदारी के लिए कई विकल्प प्रदान कर रही है। इसमें पहला विकल्प स्टेशन के नामकरण का अधिकार है।

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एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार स्टेशन के साथ संबधित ब्राण्ड अपना नाम जोड़कर एक यूनीक रीकॉल वैल्यू बना सकते हैं। इसके अलावा एनसीआरटीसी आउटडोर-इंडोर एडवर्टाइजिंग और ट्रेन रैपिंग के साथ साथ मोबाइल टावर, आॅप्टिकल फाइबर लीजिंग एवं लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भी भागीदारों का चयन करेगा।

एनसीआरटीसी की कई नई पेशकशों में वर्चुअल स्टोर भी शामिल हैं। ये स्टोर उपयोगकर्ताओं को वर्चुअल रूप से वस्तुओं का चयन करने का अवसर प्रदान करेंगे। इसमें खास बात यह होगी कि उपयोगकर्ता अपने मूल स्थान से खरीदारी कर सकेंगे और खरीदा हुआ सामान उन्हे गंतव्य स्टेशन तक पहुंचा दिया जाएगा। ये ई-कॉमर्स के अन्य तरीकों की तुलना में काफी तेज साबित हो सकता है। यह वर्चुअल स्टोर दक्षिण कोरिया में काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन भारत में यह अपनी तरह की पहली पहल होगी।

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