- तीन किलोमीटर लम्बी है रैपिड की यह सुरंग
- दिल्ली सेक्शन की पहली टनल का भी बे्रक थ्रू
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली-मेरठ के 82 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर पर जहां मेरठ में रैपिड सुरंगों पर काम काफी तेजी से चल रहा है वहीं शनिवार को दिल्ली सेक्शन की पहली टनल का भी बे्रक थू्र हुआ। एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार और केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी की मौजूदगी में टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) ने खिचड़ीपुर में निर्मित टनल रिट्रीवल शाफ्ट पर बे्रक थ्रू किया।
यहां टनल बनाने के लिए सुदर्शन मशीन 4.1 को पिछले साल जनवरी में लॉन्चिंग शॉफ्ट में उतारा गया था। यहां बनाई गई यह टनल दिल्ली सेक्शन की सबसे लम्बी टनल है। इसकी लम्बाई 3 किलोमीटर है। बताते चलें कि रैपिड के संचालन के लिए दिल्ली में कुल 4 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने कहा कि आरआरटीएस का उद्देश्य एनसीआर में जहां आवागमन को सुगम बनाना है
वहीं प्रदूषण पर काबू करना भी है। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि जो आज बे्रक थ्रू हुआ है वो काम स्वयं में काफी कठिन एवं चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि एनसीआरटीसी ने कभी भी यात्रियों की सुविधाओं और आधुनिकता से समझौता नहीं किया और यही कारण है कि आज हम देश को आवागमन की एक ऐसी सुविधा मुहैया कराने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं जो खुद में एक मिसाल कायम करेगी।
उधर एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार 82 किलोमीटर लम्बे इस कॉरिडोर पर 2025 तक रैपिड के सफल संचालन का लक्ष्य है जिसे हासिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रायोरिटी सेक्शन पर तो संचालन शीघ्र ही शुरु करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर एनसीआरटीसी के सभी खण्डों के निदेशक, कॉन्ट्रैक्टर व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।