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शब-ए बरात बड़ी बरकतों और रहमतों वाली रात

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शब-ए बरात बड़ी बरकतों और रहमतों वाली रात
  • इस रात इबादत कर अल्लाह से अपने गुनाहो की माफी मांगे

जनवाणी संवाददाता |

नजीबाबाद: शब-ए बरात के मौके पर कारी शम्सुददीन नौमानी ने कहा कि गुनाहो से तौबा करने की रात है इस रात में कसरत से इबादत कर अल्लाह से अपने गुनाहो की माफी मांगे। इस रात में अल्लाह की रहमतें मूसलाधार बारिश की तरह बरसती है।

कारी शम्सुददीन नौमानी ने कहा कि इस्लामी महीनों के ऐतबार से यह महीना शाबान का महीना कहलाता है। इस महीनें की पन्द्रवी रात को शब-ए बरात कहा जाता है। यह रात बड़ी बरकतों वाली रात होती है इस रात में कसरत से इबादत करनी चाहिये। अल्लाह के रसूल सल्ल. इस पूरे महीने में खुदा की इबादत में मशगूल रहते थे। उन्होने शब-ए-बरात के मौके पर खुराफात से बचने और खुदा की इबादत कर अपने गुनाहो से तौबा करने की अपील की।

मदरसा जामियातुल फलाह के मौहतामिम मुफ्ती अरशद कासमी ने कहा कि यह रात बड़ी बरकतों व अज़मतों वाली रात होती है। इस रात में बंदा सच्चे दिल से जो भी अल्लाह से मांगता है अल्लाह उसकी सभी जायज़ मुरादे पूरी करता है। ऐसे लोगो की इस रात में तब तक इबादत कबूल नहीं होती जब तक बंदा अपने गुनाहो से तौबा ना कर लें। नसीब वालें है वो इंसान जिन्हे यह मुबारक रात नसीब हो जाए।