- बड़े-छोटे नालों की सफाई व्यवस्था नहीं होने से भी परेशानी
- शहर की कई नई बस्तियों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: कोरोना काल में जहां केंद्र व प्रदेश सरकारें सफाई पर केंद्रित हैं और नगर पालिका परिषद शामली भी सफाई व्यवस्था का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन जमीन पर सिर्फ 50 प्रतिशत ही काम नजर आ रहा है। शहर के मोहल्ला पंसारियान नई बस्ती समेत तमाम ऐसी नई कॉलोनियां हैं जहां सफाई व्यवस्था धड़ाम है। खाली प्लाटों में गंदगी और जलभराव से बीमारियां फैल रही हैं लेकिन नगर पालिका आंखे मूंद कर सोई हुई है।
शामली शहर के बीच से गुजर रहे बड़े नाले की सफाई नहीं होने से वह गंदगी से अटे पड़े हैं। इतना ही नहीं शहर में कई दर्जन ऐसे छोटे नाले हैं जिनकी सफाई भी एक निश्चित समय पर ही की जाती है। आगामी समय में बरसात का सीजन आने वाला है और शहर के नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। हाल ही में दो दिन तक हुई बारिश में शहर के नाले गदंगी के कारण चल नहीं सके जिसके कारण नाले ओवरफ्लो होकर सारी गंदगी सड़कों पर फैल गई।
उधर, नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की पोल शहर के मोहल्ला पंसारियान नई बस्ती, दयानंदनगर और अन्य बस्तियों में जाकर धड़ाम नजर आती है। पंसारियान में नगर पालिका द्वारा नालियों की कोई व्यवस्था नहीं है। लगातार बस्तियां में कच्चे व पक्के मकान बन रहे हैं लेकिन वहां विकास नाम की कोई चीज नहीं है। जल व गृह मूल्य वसूलने के बाद भी नगर पालिका परिषद इन बस्तियों की तरफ से उदासीन बनी है।
नालियां नहीं होने से लोगों ने खाली प्लाटों में ही अस्थाई नाली बनाकर पानी छोड़ रखा है। वहीं दो दिन तक हुई बारिश के कारण खाली प्लाटों में जलभराव हो गया। गंदे पानी में मच्छर पैदा हो रहे हैं जो बीमारियों का सबब बने हुए हैं। सफाईकर्मी भी बस्तियों में नहीं पहुंचते जिसके कारण बस्ती के लोग अपना कूडा भी इन खाली प्लॉटों में ही डालते हैं।
इस मामले में नगर पालिका परिषद के सफाई निरीक्षक आदेश कुमार सैनी ने बताया कि इन बस्तियों में सफाई व्यवस्था दुरूस्त कराई जाएगी। वहीं खाली प्लॉटों के मालिकों के बारे में यदि जानकारी मिल जाए तो उन्हें नोटिस भेजकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की है कि वह खाली प्लाट मालिकों के बारे में नगर पालिका को सूचित करें।