Friday, January 10, 2025
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रईस भारतीयों की दुबई शिफ्ट होने की होड़

 

Ravivani 4


Amithab Sलॉकडाउन के दौरान कई भारतीय रईस कुछ दिनों के लिए दुबई क्या शिफ्ट हुए, अब हमेशा के लिए वहीं बसने लगे हैं। इस ट्रेंड का श्रेय मई 2019 मे लागू संयुक्त अरब अमीरात की गोल्डन वीजा स्कीम को दिया जा रहा है। गोल्डन वीजा के अंतर्गत कोई भी विदेशी रईस निर्धारित मोटी इंवेस्टमेंट, दान या वहां संपत्ति खरीदने के एवज में रहने, बिजनेस करने और नागरिकता तक का अधिकार पा लेता है। गोल्डन वीजा दुबई में एक करोड़ दिरहम (यानी करीब 20 करोड़ रुपये) इंवेस्ट करने पर मिलता है। हालांकि संयुक्त अरब अमीरात ने केबिटे की मंजूरी के बाद चुनिंदा इंवेस्टर्स, उद्यमियों, स्पेशल टेलेंट, शोधकर्ताओं और मेधावी विद्यार्थियों को मुफ़्त गोल्डन वीजा की घोषणा के बाद तो ट्रेंड ने जोर ही पकड़ लिया।

रईस भारतीयों में दुबई शिफ्ट होने की रफ़्तार बढ़ने लगी है। या समझिए, बीते दो- ढाई सालों के दौरान दुबई में इतने भारतीय बसने लगे हैं कि दुबई भारत का ही एक ‘नया शहर’ बन कर उभर रहा है। पहले लॉकडाउन के बाद से तो देश- दुनिया में घूमने की बढ़ी बंदिशों के बीच दुबई नायाब ठिकाना बन कर उभरा है।

लॉकडाउन के दौरान भारतीयों का कुछ दिवसीय आवास धीरे-धीरे स्थाई होता जा रहा है। वजह साफ है कि ऐसे वक्त में, जब दुनिया के ज्यादातर देशों ने बाहरी लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए, तो संयुक्त अरब अमीरात ने दौलतमंदों, स्टूडेंट्स, डॉक्टरों और कुछ अन्य नौकरी पेशा विदेशियों को आमंत्रित करने के लिए लाल गलीचे बिछा दिए। लेगो- लैंड और नए-नए म्यूजिÞयम-मॉल के बीच कम दूरी, खुशनुमा आबोहवा और सोमवार से शुक्रवार के वर्क- कल्चर ने भारतीयों के दुबई आकर्षण को हवा दी।

मई 2019 में दुबई ने गोल्डन वीजा स्कीम लागू की, तो अगले छह महीने में ही लगभग 2,500 विदेशियों ने इसे अपना लिया। असल में, गोल्डन वीजा प्रणाली लागू होने से 10 साल के रियाइशी और कारोबारी सुविधा तो सोने पर सुहागा रही। हालांकि 5 साल का गोल्डन वीजा भी बनाया जा सकता है। इसके तहत अपनी मर्जी से बिना रोक-टोक कोई कितनी ही बार दुबई से भारत और भारत से दुबई आ-जा सकता है। यही नहीं, कार- बाइक खुद चलाने के लिए तुंरत ड्राइविंग लाइसेंस भी बना दिया जाता है। दुबई के नागरिकों की तरह भारतीयों को भी तमाम मेडिकल सहूलियतें मिलती हैं। गोल्डन वीजा बनाने में ज्यादा झंझट भी नहीं है, कागजात जमा करवाने के महज एक दिन में बन जाता है।

गोल्डन वीजा के अंतर्गत कोई भी विदेशी रईस निर्धारित मोटी इंवेस्टमेंट, दान या वहां संपत्ति खरीदने के एवज में रहने, बिजनेस करने और नागरिकता तक का अधिकार पा लेता है। गोल्डन वीजा दुबई में एक करोड़ दिरहम (यानी करीब 20 करोड़ रुपये) इंवेस्ट करने पर मिलता है। हालांकि संयुक्त अरब अमीरात ने केबिटे की मंजूरी के बाद चुनिंदा इंवेस्टर्स, उद्यमियों, स्पेशल टेलेंट, शोधकर्ताओं और मेधावी विद्यार्थियों को मुफ़्त गोल्डन वीजा की घोषणा के बाद तो ट्रेंड ने जोर ही पकड़ लिया। इस के बाद से भारत के विभिन्न कारोबारी संगठनों के कई प्रतिष्ठित सदस्यों के अलावा संजय दत्त, शाहरुख खान, बोनी कपूर, फहाद फाजिल जैसी फिल्मी हस्तियों ने भी बढ़-चढ़ कर रुख किया है।

मौजूदा ट्रेंड के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। कुछ ने तो इसलिए क्योंकि दुबई में साफ-सफाई इतनी है कि वहां की सड़कों पर नंगे पांव भी चला जा सकता है। आबोहवा मूड और सेहत दोनों को खुशनुमा बनाती है। कई ने इसलिए कि महज एक लाख रुपये से कम खर्च कर भारत से दुबई पहुंचा जा सकता है, और अन्य ने इसलिए क्योंकि इंवेस्टमेंट करने पर टैक्स-फ्री विकल्प मौजूद हैं।

गौरतलब है कि साधारण मजदूर वर्ग के लिए सब कुछ उतना सुहावना नहीं है। वहां बिजनेस चालू करने वालों के लिए जरूर सुखद है। बेंटले सलीके शानदार कारों में घूमना और जूमा जैसे हाई-फाई रेस्टोरेंट में खाने- पीने वालों के लिए तो स्वर्ग ही है, क्योंकि गोल्डन वीजा पॉलिसी से दुबई सरकार का इरादा भी दक्षिण एशियाई देशों के रईस परिवारों को वहां घर-बार बनाने या हॉलिडे होम के तौर पर प्रेरित करने का ही है। भारतीय कारोबारी भी मानते हैं कि दिल्ली से दुबई जाना-आना दिल्ली से चैन्नै काम के लिए आने-जाने से ज्यादा सस्ता और सुविधाजनक है। दुबई की चार्टेड एकाउंटेंट कंपनी के रिकार्ड बताते हैं कि जनवरी में 300 से ज्यादा भारतीयों ने दुबई शिफ़्ट होने के लिए आवेदन किया, जिनमें से 100 से ऊपर का गोल्डन वीजा लग चुका है।आने वाले महीनों में यह रफ्तार और जोर पकड़ने वाली है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात में से दुबई एक है। दुबई महज रेत और तेल के लिए ही नहीं जाना जाता, घूमने-फिरने वालों के लिए भी बेशुमार रंग संजोए है। दिल्ली से तीन-साढ़े तीन घंटे में, करीब 2200 किलोमीटर का हवाई सफर तय कर दुबई उतरते हैं। दुबई का शानदार एयरपोर्ट देखते ही लगता है, मानो रईस मुल्क में हैं। समय के लिहाज से भी दुबई भारत से करीब डेढ़ घंटा ही पीछे है। एयरपोर्ट से शहर में प्रवेश करते है सामने लिखा आता है-‘स्वागत है दुबई सोने के शहर में’। दुबई को ‘गोल्ड सिटी’ भी कहते हैं। दुबई की गोल्ड मार्केट में हर साल 500 टन से ज्यादा सोना उतरता है। असल में, वहां आयात शुल्क कम होने की वजह से सोना खरीदने के लिए दुबई दुनिया भर में सबसे सस्ता पड़ता है। बेशक सोना खरीदें या न खरीदें, लेकिन पुराने दुबई में डेरा इलाके के करात बनीयाय स्ट्रीट स्थित ‘सिटी आॅफ गोल्ड’ की पैदल सैर एक यादगार अनुभव है। हर दुकान की शो विंडो टनोंटन सोने से लदी है।

दुबई तेजी से बदलता शहर है, शायद दुनिया कोई शहर इतनी रफ्तार से नहीं बदल रहा। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा दुबई में ही है। कद 829.8 मीटर ऊंचा है और 184 मंजिला है। हर लिहाज से सुरक्षित शहर है। बेशक बाजारों और मॉल में घूमते-फिरते पारदर्शी कपड़े पहनने की मनाही है। युगल बाहों में बाहें डाले टहलते दिखते हैं। सिगरेट, सिगार और दारू लाने और पीने की छूट है। अरबी राष्ट्रीय भाषा है, न भी आती हो, तो कोई दिक़्कत नहीं, क्योंकि अंग्रेजी बोलचाल में खूब चलती है। पैदल चलने वालों के लिए बाकायदा ट्रैफिक सिग्नल हैं।

ज्यादातर क्रॉसिंग्स पर राहगीर अपने लिए ग्रीन लाइट का बटन दबा कर, सड़क पार करने की सहूलियत से लेस हैं। मौसम भी ठीकठाक है-न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम 48 डिग्री सेल्सियस होता है। आमतौर पर, जनवरी में अधिकतम 24 डिग्री और जुलाई में 40 डिग्री सेल्सियस पार कर जाता है। इसलिए मौसम के लिहाज से, जनवरी-फरवरी बेस्ट महीने हैं। करेंसी है दिरहम। आजकल एक दिरहम 21 रुपये के करीब का है। दुबई शॉपिंग के लिए मशहूर है क्योंकि तमाम इंटरनेशनल ब्रांड दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले सस्ते हैं। इसीलिए मॉल शॉपिंग का जितना मजा दुबई में है, उतना शायद दुनिया के किसी शहर में नहीं है। पुराने बाजारों में मीना बाजार का खासा रूतबा है।

दुबई का अहम हिस्सा है डेजर्ट सफारी। दूर-दूर तक रेगिस्तान, रेत के टीले और उन पर दौड़ती ट्योटा लैंड क्रूजर। रेतीले टीलों और खाइयों का ऊबड़-खाबड़ सफर। रेगिस्तान में डूबता सूरज दिलकश नजारा पेश करता है। आगे कबीले भी देखने लायक हैं। जुमैरा बीच और रशियन बीच सागर किनारे दिलकश हैं। अमीरात का सबसे बड़ा वाटर पार्क ‘ड्रीमलैंड एक्वा पार्क’ भी दुबई से 40 मिनट की दूरी पर है। एक और समुद्री सैरगाह ‘वाइल्ड वॉडी’ है। है बुर्ज अल अरब होटल के नजदीक। वैसे, दुबई के अलावा कनाडा, अमेरिका, न्यूजीलैंड, ग्रीस, सिंगापुर, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, स्विट्जरलैंड वगैरह समेत करीब 23 देशों में मिलती-जुलती गोल्डन वीजा स्कीम लागू है, लेकिन भारतीयों का हालिया रुझान दुबई की तरफ ही है।

अमिताभ स.


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