- अब घर बनाना और भी हुआ महंगा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बिल्डिंग मेटीरियल महंगा होने से घर बनाना महंगा हो गया हैं। महंगाई पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं, जिसके चलते मकानों की निर्माण लागत बढ़ रही हैं। दिल्ली और मेरठ आसपास में र्इंट का मूल्य भी बढ़ा हुआ हैं, जिसके चलते मकानों के निर्माण की लागत बढ़ गई हैं। शहर में र्इंट 6500 रुपये प्रति हजार की दरों पर मिल रही हैं। ये अव्वल र्इंटों का मूल्य हैं।
कभी र्इंटों का दाम तीन हजार रुपये प्रति हजार होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 6500 हो गया हैं। महंगाई की मार आम आदमी पर पड़ रही हैं। यही नहीं, यमुना के रेत की कीमत भी अचानक बढ़ती जा रही हैं। कभी 40 रुपये प्रति कुंतल यमुना का रेत मिलता, जिसकी कीमत बढ़कर 75 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गई हैं।
दरअसल, यमुना में रेत खनन भी चोरी छिपे हो रहा हैं। इसका कोई टेंडर नहीं हैं, जिसके चलते लोगों को यमुना का रेत महंगा मिल रहा हैं। डस्ट कभी 70 से 80 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से मिलता था, जो वर्तमान में बढ़कर 110 रुपये प्रति कुुंतल पर पहुंच गया हैं। इस तरह से बिल्डिंग मेटीरियल महंगा होता जा रहा हैं। इस महंगाई पर अंकुश नहीं लग रहा हैं। लोहा 62 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा हैं।
ये भी 40 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 62 रुपये पर पहुंच गया हैं। सीमेंट की दरों में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई हैं। 250 प्रति बोरा मिलने वाला सीमेंट वर्तमान में 400 रुपये प्रति बोरा मिल रहा हैं। सीमेंट की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं हैं। सीमेंट की दरों में सर्वाधिक वृद्धि हुई हैं, जिसके चलते मकान बनाने वालों की कमर टूट गई हैं। बिल्डिंग मेटीरियल पर महंगाई की मार पड़ रही हैं। मजदूरों और राजमिस्त्री की पगार भी बढ़ी हैं। इस वजह से आम आदमी का मकान बनाना मुश्किल हो गया हैं।