- किसान हित में अध्यादेश वापस न लिये जाने पर दी आंदोलन की चेतावनी
जनवाणी संवाददाता |
मुज़फ्फरनगर: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक चौधरी ने केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये अध्यादेश का पुरजोर विरोध करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार ने इन अध्यादेश को किसान हित में वापस न लिया तो राष्ट्रीय लोकदल इसके विरोध में आन्दोलन करेगा।
गुरुवार को जारी बयान में अभिषेक चौधरी ने कहा कि फारमर्स प्रॉडयूस टेड एण्ड ई—कॉमर्स (प्रमोशनल एंड फेसिलिटेशन आर्डिनेंस) अध्यादेश के लागू होने से कोई भी पैनकार्ड धारी किसानो की फसल खरीद सकेगा और अगर पैसो के लेन देन का विवाद होगा तो एसडीएम सुनवाई करेगा।
इस अध्यादेश के लागू होने से मंडियो का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। अगर मंडी के द्वारा किसानों की फसल की खरीद बिक्री नही हुई तो एसएमपी रेट सरकार लागू नही कर पायेगी, जिससे किसानों को सरकार द्वारा न्यूनतम निर्धारित मूल्य भी नही मिल पायेगा और मंडी में होने वाला व्यापारियों का कम्पटीशन भी खत्म हो जाएगा। इससे किसानों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। पहले की तरह ही बड़े व्यापारी आने-पोने दामो में किसानों की फसल खरीद लेंगे तथा व्यापारी मनमाने तरीके से किसानों के साथ लूट करेगे।
अभिषेक चौधरी ने कहा कि सरकार के एसेंशियल कॅमोडिटी एक्ट 1955 इस कानून के लागू होने से जब सरकार भंडारण की सीमा खत्म कर देंगी तब बड़े व्यापारी किसान की फसल आने पर किसानों की भंडारण क्षमता न होने के कारण सस्ते रेट में भंडारण कर लेंगे, जिसकी वजह से वस्तुओ की कीमत बढ़ जाएगी।
फलस्वरूप काला बाजारी को बल मिलेगा और किसानों को एसएमपी का रेट भी नही मिल पायेगा तथा कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग कानून के बाद बड़े औद्योगिक घराने खेती कर सकते है। छोटे किसान उनके यहां अपनी ही जमीन पर नौकर बन जायेंगे। इस अधिनियम में किसानों की सुरक्षा की कोई गारंटी नही होगी।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की गाइडलाइन में फसलो के न्यूनतम मूल्य तक का जिक्र नही है। उन्होंने किसान हित में केन्द्र सरकार से ये तीनो अध्यादेश वापस लेने की मांग करते हुये कहा कि यह अध्यादेश किसान विरोधी है। इनके लागू होने के बाद किसानों का व्यापारियों व बड़े घरानों द्वारा उत्पीडन होना शुरू हो जायेगा जिससे किसानों की हालत जमीदारी के समय से भी ज्यादा खराब हो जाएगी।