जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: थाना नौचंदी के शास्त्रीनगर मकान नंबर-1202 निवासी ज्वेलरी कारोबारी तेजपाल के यहां बीते 25 दिसंबर को गन प्वाइंट पर डाली गई 40 लाख की डकैती में योगी सरकार की हाईटेक पुलिस के हाथ 64 दिन भी खाली हैं। डकैती की इस वारदात के बाद ज्वेलरी कारोबारी का परिवार पूरी तरह बर्बाद हो गया है।
वारदात के खुलासे के लिए सीएम योगी से लेकर प्रदेश के पुलिस प्रमुख, एडीजी, आईजी जोन, एसएसीपी, शहर के दोनों सांसदों, तमाम विधायकों, भाजपा और व्यापारी नेताओं सभी से गुहार लगा चुका है, लेकिन तारीख पर तारीख की तर्ज पर मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
शनिवार को पीड़ित परिवार एडीजी से गुहार लगाने उनके कार्यालय पहुंचा था। लुटे-पिटे कारोबारी का दर्द समझने और एडीजी से फरियादी की मुलाकात कराने के बजाय स्टाफ ने पूरा टाइम खानापूर्ति में ही निकाल दिया। मुलाकातियों से मिलने का वक्त पूरा हो गया और एडीजी कार्यालय से उठकर चले गए, लेकिन पीड़ित को स्टाफ कार्यालय के इस कमरे से उस कमरे यहां से वहां घूमाता रहा।
एडीजी के जाने की खबर मिली तो पीड़ित के सब्र का बांध टूट गया। वो फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने पुलिस अफसरों पर उनकी बर्बादी का तलाश बना देने के आरोप लगा डाले। कारोबारी तेजपाल के पुत्र ने आरोप लगाया कि नौचंदी थाना के पूर्व एसओ की कारगुरियों के चलते घटना का खुलासा नहीं किया जा सका।
अपराधियों से सेटिंग कर ली गई। जांच में जानबूझ कर ढील दी जा रही है। इस बात से आला पुलिस अधिकारियों को भी लगातार अवगत कराया गया, लेकिन अधिकारी आश्वासन से आगे नहीं बढ़ सके। अब तो हालात यह हो गई है कि आला अधिकारी एक-दूसरे के पाल में गेंद डाल देते हैं।
हमारा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। वहीं, इस संबंध में इंस्पेक्टर नौचंदी प्रेमचंद शर्मा का कहना है कि उनके चार्ज लेने से पहले की वारदात है। वह नए सिरे से जांच कर रहे हैं। हालांकि अभी कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन केस खुलेगा जरूर व शतप्रतिशत सही।