- बीएसए ने स्कूल इंचार्ज से मांगा स्पष्टीकरण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए शासन स्तर से तमाम तरह की कोशिशे की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग स्तर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त किताबें, वर्दी, मिड-डे-मील आदि सुविधाएं दी जाती है, लेकिन कुछ स्कूलों में अभी भी बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा का मजाक बनाया जा रहा है। ऐसा ही मामला सामने आया है। प्राथमिक विद्यालय रासना द्वितीय का, जहां निरीक्षण के दौरान स्कूल का गेट समय पर नहीं खुला और बच्चे स्कूल के बाहर खड़े पाए गए। बीएसए ने मामले को गंभीरता से लेकर स्कूल की इंचार्ज से स्पष्टीकरण मांगा है।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के आधीन आने वाले स्कूलों में शिक्षा का स्तर कैसा है इसको लेकर बीएसए ने रोहटा ब्लॉक का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्राथमिक विद्यालय रासना द्वितीय का गेट बंद पाया गया। सुबह साढ़े सात बजे तक भी बच्चे विद्यालय के गेट के बाहर खड़े पाए गए। यहां तक कि विद्यालय की अनुदेशिका भी विद्यालय का गेट खुलने का इंतजार करती मिली। प्राथमिक विद्यालय रासना द्वितीय में कक्षा एक से पांचवीं तक कुल 60 बच्चे है। वहीं विभाग द्वारा छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए विद्यालय की इंचार्ज अनीता सिंह को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन इस जिम्मेदारी को कितनी संजीदगी से निभाया जा रहा है, इसका खुलासा बीएसए के औचक निरीक्षण के दौरान हुआ जब सुबह साढ़े सात बजे तक भी विद्यालय का गेट नहीं खुला था।
स्कूल खुलने का ये है नियम
2020 के शासनादेश के अनुसार पूरे प्रदेश के बेसिक स्कूलों में शैक्षणिक कार्य के लिए समयावधि निर्धारित की गई थी। जिसमें शिक्षकों को विद्यालय खुलने के समय से 15 मिनट पहले स्कूल पहुंचना अनिवार्य है। जबकि छुट्टी के समय के 30 मिनट बाद तक शिक्षकों को विद्यालय में रुकना होता है, लेकिन विकास खंड रोहटा के जिस स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया उसमें इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती पाई गई। नियम के अनुसार विद्यालय का गेट सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर खुलना और साढ़े सात बजे तक शिक्षण कार्य आरंभ हो जाना चाहिए था। पर ऐसा कुछ नहीं मिला।