- मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय महासभा के दर्जनों पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी शामली को सौंपा। जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अवकाश न बढ़ाए जाने की मांग की है।
सोमवार को उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय महासभा के दर्जनों पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी जसजीत कौर को सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रबंधन तंत्र द्वारा अपने सीमित संसाधनों द्वारा स्कूल संचालित किए हैं।
कोरोना की भयावह स्थिति के कारण अधिकांश अभिभावकों द्वारा अनलाइन कक्षा उससे अपने बच्चों को जोड़कर शिक्षा तो दिलाई, लेकिन शुल्क के नाम पर स्पष्ट कहा गया कि जब हमारे बच्चे स्कूल जाएंगे तब हम शुल्क देना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को अध्यापक, अध्यापिका, शिक्षक तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के वेतन के साथ बिजली, पानी, स्कूल वाहनों तथा अन्य बैंक लोन की किस्त, खर्चों को तो शत प्रतिशत वहन करना पड़ा लेकिन शुल्क के नाम पर अभिभावकों का कथन होता है।
शासन के आदेश है कि शुल्क के नाम पर आप शक्ति नहीं कर सकते। अनलाइन शिक्षा से वंचित नहीं कर सकते। विद्यालय संचालक भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग तथा माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में अवकाश न बढ़ाया जाए ताकि स्कूल संचालकों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इस असर पर प्रदेश अध्यक्ष रामप्रसाद शर्मा, रामपाल अग्रवाल, कांता स्वरूप सिंघल, सतीश शर्मा, अनुज गौतम, राजेंद्र सिंह, प्रमोद चौधरी आदि मौजूद रहे।