जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 21 मार्च को बंद हुए स्कूल आखिरकार सोमवार यानि 9 अक्टूबर को एक बार फिर से खुल गए। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते नजर आए।
वहीं शहर के कुछ माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक व छात्र सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आए। जबकि शासन की ओर से कोविड-19 के चलते स्कूल खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी की जा चुकी है।
वहीं सीबीएसई स्कूलों की बात करे तो उनमें छात्रों को गेट पर ही सैनिटाइज करने के बाद अंदर प्रवेश दिया गया। एक कक्षा में 20 छात्रों को ही बैठाने की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि अभिभावक की अनुमति के बाद छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया गया है। हालांकि कोविड को देखते हुए अभी केवल कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों को खोला गया है।
छात्रों को अलग-अलग पालियों में बुलाया गया है। सीबीएसई स्कूलों में पहली पाली सुबह 8:50 से शुरु हुई जबकि माध्यमिक में 9 बजे से कक्षाएं संचालित की गई। वहीं दूसरी पाली 12:30 से 3:30 तक संचालित की गई। जिसमें कक्षा 11 और 12 की कक्षाएं संचालित की गई।
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश कुमार चौधरी की ओर से सभी स्कूलों को कोविड का ध्यान रखते हुए कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान अभिभावक ही अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने आए और शिक्षकों ने भी काफी सावधानी बरती।
थर्मल स्कैनिंग कर जांच के बाद छात्रों ने किया प्रवेश
कोराना महामारी के चलते शासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार छात्रों को गेट पर ही सैनिटाइज करने के बाद प्रवेश दिया गया। हालांकि सीबीएसई के सोमवार से कुछ ही स्कूल खुल सकें है। बाकी स्कूल दशहरे के बाद कक्षाएं संचालित करेंगे। सीबीएसई के साथ ही पहले दिन माध्यमिक स्कूलों में भी छात्र संख्या काफी कम रही। सीबीएसई में अभी तक केवल 20 से 25 फीसदी ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार है। पहली पाली में कक्षा 9 और 10 व दूसरी पाली में 11वीं से 12वीं तक की कक्षाएं चली।
यह बोले छात्र
दीवान पब्लिक स्कूल की छात्रा ऐश्ववर्या ने बताया कि इतने लंबे समय के बाद स्कूल आने पर बहुत खुशी हो रही है। आनलाइन की बजाए जो शिक्षण स्कूल में पढ़कर मिल सकता है। वह घर बैठे नहीं मिलता। कोरोना के चलते अब सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।
छात्र हार्दिक ने बताया कि लंबे समय के बाद स्कूल आने पर बहुत अच्छा लग रहा है। अब तैयारी अच्छे से कर सकेंगे।
जीआईसी छात्र मंगल ने बताया कि घर रहकर पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। दसवीं कक्षा हैं इसलिए स्कूल आना शुरु कर दिया है। ताकि बोर्ड परीक्षा की तैयारी हो सकें।
उवैश ने बताया कि घर रहकर पढ़ाई में टॉपिक क्लीयर नहीं हो पाते है। स्कूल में पढ़ाई करने की अलग ही बात होती है। अगर कुछ समझ न आए तो शिक्षक से क्लीयर कर सकते है।
असद ने कहा कि घर में रहकर पढ़ाई का माहौल नहीं मिल पा रहा था। बोर्ड परीक्षा की तैयारी में परेशानी हो रही थी। अभिभावकों की परमिशन के बाद स्कूल आना शुरु कर दिया है।