- जनपद में 5828 अति कुपोषित बच्चे और 21424 कुपोषित बच्चे
वरिष्ठ संवाददाता |
सहारनपुर: हर वर्ष सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी पोषण माह का आयोजन किया जाएगा, लेकिन कोविड-19 के चलते परिस्थितियां इस बार थोड़ी बदली हुई होंगी। फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान धात्री महिलाओं को बच्चों के पोषण के प्रति जागरूक करेंगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया कि पोषण माह के दौरान जनपद में चिन्हित अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया जनपद में इस समय अति कुपोषित बच्चों की संख्या 5828 है जबकि कुल कुपोषित बच्चे 21424 चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ निजी अस्पतालों से भी इन बच्चों को जरूरी उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पोषण अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण की बेहतरी के उद्देश्य से इस वर्ष भी सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि सितंबर माह के दौरान पोषण अभियान चलाने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जन आंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण को मिटाना है।
इस वर्ष पोषण माह 2020 दो मुख्य उद्देश्य पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करना और उनकी मॉनिटरिंग करना तथा दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देना।
प्रदेश स्तर पर इस वर्ष पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पोषण माह के दौरान आयोजित की गई गतिविधियों को दैनिक प्रविष्टि भारत सरकार के जन आंदोलन पोर्टल पर की जाएगी।
इस माह के दौरान धात्री माताओं को सुपोषण के प्रति जागरूक और उत्साहित किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया गर्भवती महिलाओं के आहार में हरी साग सब्जी और फल शामिल करने को प्रोत्साहित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिकाएं विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।
धात्री माताओं को पहले छह माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराने और छह माह बाद स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार देने की सलाह दी जाएगी।