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करोड़ों की शत्रु संपत्ति पर कुंडली मारे है शाहजहांपुर

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करोड़ों की शत्रु संपत्ति पर कुंडली मारे है शाहजहांपुर
  • डेढ़ हेक्टेयर भूमि चिन्हित, शहनाई रिसोर्ट और दर्जनों दुकानें शत्रु संपत्ति पर

जनवाणी संवाददाता |

किठौर: केंद्र सरकार ने पूरे देश में चिन्हित शत्रु संपत्ति की पहली सूची जारी कर सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है। कस्बा शाहजहांपुर में भी रक्षा संपदा निदेशालय एवं शत्रु संपत्ति अभिरक्षक विभाग की टीमों ने पिछले दो दिन लेखपाल के साथ सर्वे करते हुए करीब डेढ़ हेक्टेयर शत्रु संपत्ति चिन्हित की। टीम संपत्ति और कब्जेदारों का पूर्ण ब्योरा लेकर लखनऊ रवाना हो गई।

कस्बा शाहजहांपुर में मंगलवार से शुरू हुआ शत्रु संपत्ति के सर्वे का काम बुधवार देर शाम पूर्ण हो गया। टीम का नेतृत्व कर रहे शत्रु संपत्ति लखनऊ शाखा के सर्वेक्षक प्रशांत सिंह सैनी ने बताया कि यूपी और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में 20 से करीब 20 शत्रु संपत्ति हैं जिनका अनुमानित मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक है। जिनका जिला प्रशासनों ने सीमांकन कर लिया था। बताया कि मेरठ की मवाना तहसील में भी कई शत्रु संपत्ति हैं।

सिर्फ शाहजहांपुर की बात करें तो यहां 16 गाटों में करीब डेढ़ हेक्टेयर यानि साढ़े 22 बीघा भूमि शत्रु संपत्ति है। सर्वेक्षक प्रशांत सिंह ने बताया कि शाहजहांपुर में रक्षा संपदा, शत्रु संपत्ति और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने लगातार दो दिन डीजीडीई की टीम से आधुनिक तकनीक डीजीपीएस के जरिए सर्वे कराने के बाद संपूर्ण शत्रु संपत्ति का ब्योरा तैयार किया। जिसको लेकर टीम रात में लखनऊ रवाना हो गई।

शत्रु संपत्ति पर बना है शहनाई रिसोर्ट

सर्वेक्षक प्रशांत सिंह ने बताया कि शाहजहांपुर में अधिकतर शत्रु संपत्ति मेरठ-गढ़ मार्ग पर है। यहां इस संपत्ति की 720 वर्गमीटर भूमि शहनाई रिसोर्ट में चिन्हित की गई है। इसके अलावा रिसोर्ट से भारत शिक्षा सदन इंटर कॉलेज तक करीब 13 दुकानें और पीछे के बाग में भी यह भूमि है। कुछ भूमि कस्बे में अंदर बताई गई है। सर्वे में शैलेश खैरनर नायब तहसीलदार राहुल, लेखपाल धर्मपाल सिंह साथ रहे।

शत्रु संपत्ति है क्या?

देश के बंटवारे के दौरान जो लोग भारत छोड़ पाकिस्तान चले गए थे उनकी चल-अचल संपत्ति जो भारत में रह गई उसे शत्रु संपत्ति कहा जाता है। भारत में पाकिस्तान गए नागरिकों और चीनी नागरिकों की शत्रु सपंत्ति हैं। जिन्हें शासन ने संरक्षण में ले रखा है। ऐसी संपत्तियों को 198 संशोधित अधिनियम 2017 शत्रु संपत्ति के तहत शत्रु संपत्ति अभिरक्षक में निहित कर दिया गया।

ऐसे शुरू हुई कार्रवाई

अक्तूबर 2022 में गृहमंत्री अमितशाह की अध्यक्षता में शत्रु संपत्ति को लेकर बैठक हुई। जिसमें गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, भारतीय शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक सौरव रे के अलावा डीजीडीई यूपी व उत्तराखंड के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। इसमें शत्रु संपत्ति के मुद्रीकरण, सीमांकन एवं विवादित/कब्जामुक्त शत्रु संपत्तियों के विक्रय का प्रस्ताव पारित हुआ। गृह मंत्रालय के आदेश पर एक करोड़ से अधिक की शत्रु संपत्तियों की सूची तैयार की गई। बताया कि यूपी-यूके में 20 संपत्तियों का मूल्य एक करोड़ से अधिक है।