जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते सोमवार को कार्यकर्ता शरजील इमाम को दिल्ली के जामिया इलाके और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानि यूएपीए मामले में वैधनिक जमानत दे दी है।
आधी सजा पहले ही काट चुका
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आदेश पारित किया कि वह अपने खिलाफ लगाए गए अपराधों के लिए आधी सजा पहले ही काट चुका है। हालांकि, इमाम जेल में ही रहेगा क्योंकि वह 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित बड़ी साजिश के मामले में भी आरोपी है।
भड़काऊ भाषण देने के आरोप में किया था गिरफ्तार
भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए शरजील इमाम को करीब चार साल बाद जमानत मिली है। फरवरी में दिल्ली की एक कोर्ट ने शरजील इमाम को वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद शरजील ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इमाम पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा दर्ज मामले में मामला दर्ज किया गया था, जिसे शुरू में देशद्रोह के अपराध के लिए दर्ज किया गया था और बाद में यूएपीए की धारा 13 लागू की गई थी। वह इस मामले में 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में हैं।