- दंपति के पवित्र रिश्तों की हो रही अनदेखी, पड़ रही दरार
नगेन्द्र गोस्वामी |
कंकरखेड़ा: आधुनिक युग की इस चकाचौंध में हम उलझते हुए किधर जा रहे हैं? रिश्ते माला की तरह टूटकर पवित्र बंधन मोती की तरह बिखर रहे हैं। समझ नहीं आ रहा हम मानव सभ्यता की उच्चतम सीमा या विकास की ओर बढ़ रहे हैं या आधुनिक होने के नाम पर अकेले होते जा रहे हैं।
जीवन की प्रथम पाठशाला (विद्यालयों) में भी परिवार के रिश्तो की डोर को मजबूत बनाने वाली शिक्षा मिलने के बजाय धन कमाने वाली मशीन के रूप में तैयार किया जा रहा है। आधुनिकता की आड़ में हालात इस तरह बदल गए कि रिश्तो में एक-दूसरे की कद्र भी भूल गये।
मेरठ जिले के कंकरखेड़ा थाने में जनवरी महीने में इन्हीं रिश्तों को तोड़ते हुए दहेज के नाम पर 10 मुकदमे में 45 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुए। आधुनिक युग में शिक्षा ग्रहण कर जहां हम सभ्य होने का नाटक दिखाते हैं। देखा जाये तो एक-दूसरे की भावनाएं समझने के बजाय रिश्तो की डोर को बहुत कमजोर करते जा रहे हैं। मर्यादाएं ताक पर रखी जा रही है।
छोटी छोटी सी बात पर थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करा दिए जाते हैं। आजकल परिवार को समझने की स्थिति बहुत ही कमजोर हो चली है। यही कारण है कि केवल जनवरी 2021 में मेरठ के कंकरखेड़ा थाने में दहेज के नाम पर 10 मुकदमे दर्ज हुए। जिनमें सास, ससुर, पति, ननद ननदोई और परिवार के अन्य 45 लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ।
आधुनिक पीढ़ी नहीं निभा पा रही रिश्ते
भारत वसुदेव कुटुंबकम की स्थिति में विश्वास करता है, लेकिन आधुनिक भारत में रिश्ते निभाना एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इसमें दंपति और अन्य पवित्र रिश्ते को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही। थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराने की जल्दबाजी तो गर्त में डाल रही है। मुकदमे दर्ज होने से हृदय में ठेस पहुंचती है और कभी दबाव में रिश्ते मिल भी जाते हैं और कभी टूट भी जाते हैं।
जनवरी के मामले
- जवाहरनगर की वंदना गोस्वामी ने पति समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
- नंगलाताशी की काजल ने पति सुरेंद्र समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
- खड़ौली गांव की गुलिस्ता ने ससुराल पक्ष के आठ व्यक्तियों पर दहेज का मुकदमा दर्ज कराया।
- खनौदा गांव की मुनेशपाल ने ससुराल पक्ष के तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया।
- श्रद्धापुरी की अर्चना ने ससुराल पक्ष के पांच लोगों पर और रोहटा रोड विकास गार्डन की नेहा धामा ने भी अपनी ससुराल के पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया। इनके अलावा और कई स्थानों के जनवरी महीने में मुकदमे दर्ज हुए।
संकल्प संस्था की अध्यक्ष अतुल शर्मा का कहना है कि बालिग होते ही शादी ना करना और मोबाइल का गलत तरीके से प्रयोग परिवार को जोड़ने की बजाय तोड़ने का काम कर रहा है। आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ परिवार में अपने बच्चों को संस्कार भी दिए जाने चाहिए।
यदि संभल कर नहीं चले तो इसके दुष्परिणाम लगातार बढ़ते जाएंगे। छोटी-छोटी बात को मोबाइल के जरिए अपने परिवार को नहीं बतानी चाहिए। बच्चों को स्वतंत्रता देने के साथ ही मर्यादाएं भी सीखनी चाहिए। बताना चाहिए कि किस तरह मर्यादाओं का पालन करते हुए परिवार को बांधकर चला जा सकता है। अन्यथा परिवार के मोती जैसे रिश्ते बिखर जाते हैं।